शेर से एक बात जरूर सीख लेना

मेरे 2 कदम पीछे हटने को मेरी मजबूरी मत मान लेना

जिगरा रखना ही हैं तो शेर जैसा रखों

शेर की बात ही कुछ और होती हैं

अपने इलाके में तो हर कोई शेर बनता हैं

अगर शेर बनना चाहते हो तो सबसे पहले

पीठ पीछे वार तो गीदड़ करते हैं

मैंने मुसीबतों से लड़ना सीखा हैं

मुसीबतों से डर कर तो हर कोई बैठ जाता हैं

इलाका तो कुत्तों का होता हैं

सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइ’ज़ हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नहीं जाती

अगर शेर की तरह जीना हैं तो सबसे पहले उसकी तरह निडर बनना सीखो।

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना तुमलोग क्योंकि शेर तब भी खतरनाक होता है, जब वो दहाड़ता नहीं.

जरूरी नही कुछ तोडने के लिये पथ्थर ही मारा जाए । लहजा बदल के बोलने से भी बहोत कुछ टूट जाता है ।।

शेर जंगल का राजा इसलिए हैं क्योंकि उसके पास शक्ति और बुद्धि दोनों हैं।

मुझ से ना होगी गुलामी तेरी।। मुझे पिता ने शेरो मैं पाला हैं।।।।

शेर खुद अपनी ताकत से राजा कहलाता है, जंगल में कभी चुनाव नही होते…

मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता

शेर कभी भी अपनी ताकत से शिकार नहीं कर पाता उसे अपनी बुद्धि का प्रयोग भी करना पड़ता हैं।

जीतना चाहे उतना भोकलो कुते शेर की एक दहाड़ ही खाफी है

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