रूमा देवी बाड़मेर, राजस्थान में एक समाज सेविका व भारतीय पारंपरिक हस्तकला कारीगर है। 

रूमा देवी को भारत में महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान "नारी शक्ति पुरस्कार 1999" से सम्मानित किया गया था 

रूमा देवी का जन्म 1988 में हुआ और वे राजस्थान के बाड़मेर के रावतसर में पली-बढ़ीं

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जब  वह 8 वीं क्लास में थी, तब उसने स्कूल छोड़ दिया। उसने बचपन में दादी से कढ़ाई सीखी। उसने 17 साल की उम्र में शादी कर ली और जन्म के 48 घंटों में अपने पहले बेटे को खो दिया था

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मुमल मेहर की वायरल हुई खेल प्रतिभा को प्रोत्साहन करने के लिए रूमा देवी सुगनी देवी अक्षरा छात्रवृत्ति के तहत ₹25000 की राशि देकर सम्मानित किया गया

रुमा देवी ने कमाई के लिए कुछ काम करना शुरू कर दिया। उसने 2006 में गाँव की लगभग 10 महिलाओं को ससुराल में मनाने के बाद एक स्वयं सहायता समूह शुरू किया। प्रत्येक महिला से 100 रुपये के योगदान के साथ, वे कुशन और बैग बनाने के लिए कपड़ा, धागे और प्लास्टिक रैपर लाए।

उसकी सफलता की तलाश, उसे बाड़मेर में ग्रामीण विकास चेतना संस्थान के द्वार तक ले गई और 2008 में वह इसके सदस्य के रूप में शामिल हो गयी और 2010 में इस एनजीओ की अध्यक्ष बनी।

2010 में उन्होनें अपना पहला प्रदर्शन दिल्ली के रफी मार्ग में किया और राजस्थान हेरिटेज वीक 2016 में उनका पहला फैशन शो था। 

नारी शक्ति पुरस्कार (2018) अपने 17 वें अखिल भारतीय सम्मेलन (15-16 फरवरी 2020) में पैनलिस्ट के रूप में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, बोस्टन, यू.एस. द्वारा आमंत्रित

स्टेट ब्रांड एम्बेसडर, राजीविका गुडविल एम्बेसडर, ट्राइब्स इंडिया वर्ष 2019 का 'टीएफआई डिजाइनर' का खिताब जीता

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