ए जन्नत अपनी औकात में रहना हम तेरी जन्नत के मोहताज नही हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है वहां तेरी भी कोई औकात नही

जिस पर राधा को मान हैं जिस पर राधा को गुमान हैं यह वही कृष्ण हैं जो राधा के दिल हर जगह विराजमान हैं

राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे एक बार आ गए तो कभी नहीं जायेंगे

सुध-बुध खो रही राधा रानी इंतजार अब सहा न जाएँ कोई कह दो सावरे से वो जल्दी राधा के पास आएँ

कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा

राधा के हृदय में श्री कृष्ण राधा की साँसों में श्री कृष्ण राधा में ही हैं श्री कृष्ण इसीलिए दुनिया कहती हैं राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण

राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार क्योंकि यही वो नाम है जिससे कृष्ण को प्यार

एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी

तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ तेरी साँसो मेँ घुल कर खुशबू बन जाऊँ हो न फासला कोई हम दोनो के दरम्याँ मैँ …मैँ न रहुँ साँवरे.. बस तुँ ही तुँ बन जाऊँ

next stori हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त(Ghazals of Faiz Ahmed Faiz)

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