जिराफ़ (जिराफ़ा कॅमेलोपार्डेलिस) अफ़्रीका के जंगलों मे पाया जाने वाला एक शाकाहारी पशु है।
ivillagenetwork.com
यह सभी थलीय पशुओं मे सबसे ऊँचा होता है तथा जुगाली करने वाला सबसे बड़ा जीव है।
ivillagenetwork.com
ivillagenetwork.com
इसका वैज्ञानिक नाम ऊँट जैसे मुँह तथा तेंदुए जैसी त्वचा के कारण पड़ा है।
ivillagenetwork.com
ivillagenetwork.com
जिराफ़ अपनी लंबी गर्दन तथा टांगें और अपने विशिष्ट सींगों के लिये भी जाना जाता है।
ivillagenetwork.com
यह औसतन ५-६ मी. ऊँचा होता है तथा नर का औसतन वज़न १,२०० कि. और मादा का ८३० कि. होता है।
ivillagenetwork.com
जिराफ अपने पैरों की हडि्डयों में यांत्रिक तनाव के चलते ही अपने शरीर का करीब एक हजार किलो भार उठा पाता है।
यह जिराफ़िडे परिवार का है तथा इसका सबसे नज़दीकी रिश्तेदार इसी कुल का अफ़्रीका में पाया जाने वाला ओकापी नामक प्राणी है।
इसकी नौ प्रजातियाँ हैं जो कि आकार, रंग, त्वचा के धब्बों तथा पाये जाने वाले क्षेत्रों में एक दूसरे से भिन्न हैं।
जिराफ़ अफ़्रीका में उत्तर में चैड से दक्षिण में दक्षिण अफ़्रीका तथा पश्चिम में नाइजर से पूर्व में सोमालिया तक पाया जाता है।
अमूमन जिराफ़ खुले मैदानों तथा छितरे जंगलों में पाये जाते हैं।
ivillagenetwork.com
ivillagenetwork.com
ivillagenetwork.com
जिराफ़ उन स्थानों में रहना पसन्द करते हैं जहाँ प्रचुर मात्रा में बबूल या कीकर के पेड़ हों क्योंकि इनकी पत्तियाँ जिराफ़ का प्रमुख आहार है।
अपनी लंबी गर्दन के कारण इन्हें ऊँचे पेड़ों से पत्तियाँ खाने में कोई परेशानी नहीं होती है।
ivillagenetwork.com
आम तौर पर जिराफ़ कुछ समय के लिये एकत्रित होते हैं तथा कुछ घण्टों के पश्चात अपनी-अपनी राह चल देते हैं। नर अपना दबदबा बनाने के लिये एक दूसरे से अपनी गर्दनें लड़ाते हैं।
वयस्क परभक्षियों का कम ही शिकार होते हैं लेकिन इनके शावकों का शिकार शेर, तेंदुए, लकड़बग्घे तथा जंगली कुत्ते करते हैं।
next storiभारत की नदियां चार समूहों में वर्गीकृत की जा सकती facts...