यहां माता सती कोटटरी रूप में जबकि भगवान भोलेनाथ भीमलोचन भैरव रूप में प्रतिष्ठित हैं। माता हिंगलाज मंदिर परिसर में श्रीगणेश, कालिका माता की प्रतिमा के अलावा ब्रह्मकुंड और तीरकुंड आदि प्रसिद्ध तीर्थ हैं।
हिंगलाज मंदिर में दाखिल होने के लिए पत्थर की सीढिय़ां चढ़नी पड़ती हैं। मंदिर में सबसे पहले श्री गणेश के दर्शन होते हैं जो सिद्धि देते हैं। सामने की ओर माता हिंगलाज देवी की प्रतिमा है जो साक्षात माता वैष्णो देवी का रूप हैं।
इस मंदिर से जुड़ी एक और मान्यता व्याप्त है। कहा जाता है कि हर रात इस स्थान पर सभी शक्तियां एकत्रित होकर रास रचाती हैं और दिन निकलते हिंगलाज माता के भीतर समा जाती हैं।