आइये जानते हैं.......

महाराणा प्रताप से जुड़े अदभुत रोचक तथ्य

- महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ में 9 मई 1540 को हुआ था।

- उनको बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।

- महाराणा प्रताप 7 फीट 5 इंच लम्बी कद काठी वाले भारत के सबसे मजबूत योद्धाओं में से एक थे।

- महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो से अधिक था।

- महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो, उनकी दो तलवारें जिनका वजन 208 किलोग्राम, और उसका कवच लगभग 72 किलोग्राम भारी था।

- महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां थीं, जिसमें से महारानी अजाब्दे पंवार उनकी पसंदीदा थीं।

- महाराणा प्रताप के 17 बेटे और 5 बेटियां थीं। उनके सभी विवाह राजनीतिक गठबंधन थे

- हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। भील सेना के सरदार राणा पूंजा भील थे ।

- हकीम खाँ सूरी, हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे।

- हल्दी भाटी लड़ाई 80,000 की मुगल सेना के खिलाफ मात्र 22, 000 की सेना के साथ भी, महाराणा प्रताप ने बहादुरी से लड़ी। लेकिन वह अपने भाई द्वारा विश्वासघात के कारण यह युद्ध हार गया। लेकिन वह अंत मेवाड़ की रक्षा के लिए लड़े।

- हल्दीघाटी के युद्ध में ना तो अकबर की जीत हुई और ना ही महाराणा प्रताप की।

- सम्राट अकबर ने 30 सालों तक महाराणा प्रताप को बंदी बनाने की कोशिश की परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली।

- सम्राट अकबर ने एक बार कहा था कि महाराणा प्रताप और जयमल यदि उनके साथ हो जाएं तो अकबर विश्व का सबसे शक्तिशाली राजा बन सकता है।

- हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद 1985 में भी उस जगह तलवारे पाई गई।

- महाराणा प्रताप का घोड़ा, चेतक, अपने स्वामी के प्रति वफादारी के लिए जाना जाता है।

चेतक एक बहुत ही ताकतवर घोड़ा था। दौड़ते वक्त उसकी रफ्तार बहुत तेज हो जाती थी।

- चेतक घोड़े की सबसे खास बात थी कि, महाराणा प्रताप ने उसके चेहरे पर हाथी का मुखौटा लगा रखा था। ताकि युद्ध मैदान में दुश्मनों के हाथियों को कंफ्यूज किया जा सके।

- महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बना है जो हल्दी घाटी पर स्थित है।