राधा-कृष्ण की प्रेम कभी अधूरी नहीं रही, वो हमेशा साथ रहे उनमें कोई दूरी नहीं रही।
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी, जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती, हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती, कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती। राधे राधे
राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है, बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है।
पलकें झुकें और नमन हो जाये, मस्तक झुके और बंदन हो जाये, ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कान्हा, कि आपको याद करूँ और दर्शन हो जाये। जय श्री राधे कृष्ण
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था, दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
हे अर्जुन के सारथी मुझको भी ऐसा ज्ञान दो, तेरे प्रेम की ज्योति को जलाये रखू, ऐसा बरदान दो।
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है, खुद को जितना भी रोक लूं, प्यार हो ही जाता है।
अब तो आँखों से भी जलन होती हैं मुझे ए कान्हा, खुलीं हो तो तलाश तेरी और बंद हो तो ख्वाब तेरे।
किसी के पास ego है किसी के पास attitude है, मेरे पास तो मेरा साँवरीया है वो भी बड़ा cute है।