-hri mnu sain

चाँद की ख्वाहिशे तो आम रहती हैं सुरज सर चढ़ के बोले पर उसके सांए में ठंडी रात रहती हैं चाँद हैं वो, चरणों में झुकी हर साम रहती हैं

चाँद मेरा चाँद हैं ख्वाहिशे आम रहती हैं सबके ख्यालों में बिजी हर सुबह और शाम रहती है वो भोली सी प्यारी सूरत मुझसे जुड़ा एक नाम रहती हैं

-hri mnu sain

भले कहीं पलको पे पली हों पर यहां ख्वाहिशे आम रहती हैं कुछ पल आंगन में ओझल तो घर में धुंधली रात रहती हैं

-hri mnu sain

उजाला घर के आंगन का वो पूनम का चाँद रहती हैं झुक जाए सारा चमन बन ठन मेरा वो चांद रहती हैं

-hri mnu sain

सबके ख्यालों में बिजी हर सुबह और शाम रहती है भले कहीं पलको पे पली हों पर यहां ख्वाहिशे आम रहती हैं