दर्द सहकर महफ़िल में खुशी जतानी पड़ती है मन्नत मांगे खुदा से हजारों दुआओं में तेरे लिए
सैलाब उमड़ा है दरिया को खूद बहना पड़ता है सिफारिश खूदा से हर रोज करतीं हूं तुम्हारी
वक़्त की रफ्तार बदलेंगी जश्न खुशी का होगा मन्नत मांगे खुदा से इतनी की ग़म की पीर ना हो
झोली भरकर खुशियां हो कोई अंधेरी रात ना हो जिन्दगी में कभी तुम्हारी ग़म की बरसात ना हो
क्ली तुम बन जाओ मेरी, में कोई फूल बन जाता हूं सुखे सुखे आंगन में खिलकर चलों दोनों मुस्कुराते हैं
तुम लहर बन जाओ मेरी, मैं सागर बनकर हर्षाता हूं शान्त शान्त सागर में मिलकर दोनों चलों गोते लगाते है
तुम शाखा बन जाओ मेरी, मैं पैड़ कोई बन जाता हूं मिलकर चलों दोनों करें छाया. एक घरौंदा सजाते हैं
ख्वाब तुम मेरे बन जाओ, मैं मंजिल तेरी बन जाता हूं तुम मेरी दिल में बस जाना, में तेरे दिल में बस जाता हूं