यह भारत के 500 मीटर (1,640 फीट) से अधिक लंबे पुलों की सूची है जो पानी से ऊपर की पूरी लंबाई के आधार पर छांटे गए हैं।
भूपेन हजारिका सेतु या ढोला-सदिया सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है।[1]जिसका उद्घाटन 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कर दिया गया।
यह 9.15 किलोमीटर (5.69 मील) लम्बा सेतु लोहित नदी को पार करता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक मुख्य उपनदी है।
सिदो कान्हू मुर्मू सेतु (संथाली: ᱥᱤᱫᱚ ᱠᱟᱱᱦᱩ ᱢᱩᱨᱢᱩ ᱯᱚᱞ) साहेबगंज से मनिहारी को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है।
यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 6,000 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन मई 2016 में किया था।
महात्मा गांधी सेतु पटना से वैशाली जिला को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है।
इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था।
बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु (आधिकारिक राजीव गांधी सागर सेतु) ८-लेन का, तार-समर्थित कांक्रीट से निर्मित पुल है। यह बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी (वर्ली) उपनगरों से जोड़ता है
और यह पश्चिमी-द्वीप महामार्ग प्रणाली का प्रथम चरण है। १६ अरब रुपये (४० करोड़ $) की महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की इस परियोजना के इस चरण को हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पूरा किया गया है।
बोगीबील ब्रिज (असमिया: বগীবিল / बगीबिल ; उच्चारण : बोगीबील ) भारत के असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी पर बना एक पुल है।
इस पर रेलपथ तथा सड़कपथ दोनों बने हुए हैं। यह पुल असम के धेमाजी जिला और डिब्रूगढ़ जिला को जोड़ता है।
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इस पर सन 2002 में कार्य आरम्भ हुआ था। [1] यह 4.94 किमी लम्बा है और भारत का सबसे लम्बा रेल-सह-सड़क सेतु है।
यह भारत का पाँचवा सबसे बड़ा सेतु है तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल-रोड सेतु है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसम्बर 2018 को सुशासन दिवस के अवसर पर किया था।