धनतेरस पर क्यों जलते हैं यमराज के नाम का दीपक  ,जाने

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हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन मान्यताओं के अनुसार यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है लेकिन धनतेरस पर आखिर यम  के नाम का दीपक क्यों जलाया जाता है आईए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में

एक बार यमराज ने अपने दोस्तों से सवाल किया कि क्या उन्हें दूसरों के प्राण लेते वक्त दया नहीं आती है इसके जवाब में यमदूतों ने न  में जवाब दिया

यमराज ने दोस्तों को अभय दान देते हुए कहा कि सच-सच बताओ इस पर यमदूतों ने कहा कि उनका हृदय एक बार किसी के प्राण लेते वक्त भयभीत हो गया था

एक बार हंस नाम का राजा शिकार के लिए दूसरे राज्य किया था उसे राज्य की राजधानी उनका बहुत आदर किया उसी दिन राजा की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया

ज्योतिष के अनुसार यह बताया गया कि उसे बाल विवाह के चार दिन बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी इसे सुनकर राजा ने उसे बालक को एक गुफा में छोड़ दिया और लोगों उसे पर नजर रखने के लिए कहा

एक समय बाद एक युवती ने उसे ब्रह्मचारी बालक से गधर्व   में विवाह कर लिया विवाह के चार दिन बाद बालक की मृत्यु हो गई एवं दोस्तों ने बताया कि उसे महिला का विलाप देखकर हमारा दिल  भर  आया था

इस घटना के बाद यमराज ने कहा कि धनतेरस के दिन विधि पूर्वक पूजा करने और दीपदान करने से अकाल मृत्यु को डाला जा सकता है इस वजह से धनतेरस के दिन यह के नाम का दीपक जलाया जाता है

धनतेरस के दिन यम  के नाम का दीपदान किया जाता है इस दिन आते का दिया बनाकर घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है माना जाता है कि इस दिया जलाने से अकाल मृत्यु का डर नहीं देता है