जानिए दीवाली में इस खास दिन क्यों जलाते हैं दीपक, कहां और कैसे जलाएं दीपक
दीपावली में दीपकों का जगमग करना सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. यह खास दिन अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व, असत्य पर सत्य की शाश्वत जीत का पर्व है.
दीपक जलाने के महत्व को धर्मग्रंथों में बतलाया गया है. हम यहां आपको बताते हैं कि इस खास दिन पर हम सभी घर के हर कोने में क्यों दीपक जलाते हैं.
दीपक के महत्व में हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथों में वर्णन किया गया है. ऋग्वेद के अनुसार, दीपक में देवताओं का तेज रहता है,
इसलिए किसी शुभ आयोजन पर सकारात्मक ऊर्जा संचार के लिए घी अथवा तेल के दीपक जलाने का विधान है.
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने और द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करने पर लोगों ने खुशियों के दीपक जलाए थे और दीपावली मनाई थी.
आज भी दीपावली में पांच दिन तक दीपक जलाने का विधान है.
दीपक जलाने से लोगों को यश एवं प्रसिद्धि मिलती है.वास्तु नियमों के अनुसार अखंड दीपक पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए.
इस दिशा में दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है.
कैसे और कहां जलाएं दीपक दीपों के इस पर्व पर हम सभी अपने घर-प्रतिष्ठान पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीप प्रज्वलित कर अंधेरे को मिटाते हैं,
परंतु कई लोगों को यह जानकारी ही नहीं होती कि किन स्थानों पर दीपक प्रज्वलित करने से क्या लाभ होते हैं.
दीपावली की संध्या पर लक्ष्मीपूजन से पहले मुख्य द्वार पर सरसों के तेल के दीपक जलाएं.
अगर घर में आंगन है तो घी का एक दीपक आंगन में जलाएं और अगर आंगन नहीं है तो ड्राइंग रूम या घर के बीचोबीच घी का दीपक जलाएं.
गाय के घी का दीपक जलाने से आसपास का वातावरण रोगाणु मुक्त होकर शुद्ध हो जाता है
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