ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं, क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है, आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं, दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।

मैं एक शाम जो रोशन दीया उठा लाया, तमाम शहर कहीं से हवा उठा लाया।

नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है, उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है।

वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे, हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे, वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था, हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे।

जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम, मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे, तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर।

तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।

कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं, तूझे इस कदर चाहूँ कि अपनी जात भूल जाऊं, कभी उठ के तेरे पास से जो मैं चल दूँ, जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं।

इस से पहले कि सारे ख्वाब टूट जायें, और ये ज़िन्दगी हम से रूठ जाए, एक दूसरे के प्यार में खो जायें इस कदर, कि हम सारे गमों को भूल जायें।

वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल, बहुत उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी।