कोशिश कर रहा हूँ मैं, मेरी कोशिश रंग लाएंगी उसको प्यार करता हूँ, एक दिन वो जान जाएंगी लिखता हूँ उसके लिये, जब भी वो गुनगुनाती है देख इश्क़ की बूँद को वो मन ही मन में मुस्कुराती है

पेड़ की छाया जैसी है वो, जो सकून और एहसास दिलाती है चेहरे की खूबसूरती ऐसी, कि सूरज की तपिश भी उसे चाहती है करीब से जब हवा गुजरती हैं उसके, तो वो भी शर्मा जाती है कल बादलों को भी आते देखा, बारिश भी उसको छूना चाहती है।

कोशिश है मेरी, कि मोहब्बत की किताब में आँसू ना लिखे जाये वो जैसे भी रहे अपनी जिन्दगी में, बनावटी ख्वाब ना लिखे पाये तारों की चमक है उसकी आँखों में, दुसरो को रौशन करना चाहती हैं फिजाऊ के फूलों से लेकर खुशबू, जिन्दगी खुबसूरत बनाना चाहती है।

प्यास है उसे ढूंढ रही है कुछ, आत्मा है साफ उसकी पूछ रही है कुछ मैं सामने तो आना चाहता हूँ, मगर मुझे देखकर क्या होगी वो खुश करती है कोशिश वो भी,  शायद खुद की पहचान करना चाहती हैं अनजान हूँ मैं उसके लिये,  क्या वो भी मुझसे बात करना चाहती है

वक्त के पास जाकर वक्त से पूछना चाहता हूँ वो क्यों है अकेले दिल से यह जानना चाहता हूँ

माना के मुलाकात वक्त की वजह से हुई है अब हाल-ए-खुशनुमा  मैं उसके लिये बनना चाहता हूँ 

ज़रा सुन उसकी आवाज में तुझे कभी दर्द सुनाई दिया उसकी हँसी के पीछे तुझे कभी अकेलापन देखाई दिया महसूस कर उसके दिल की तन्हाई को ठहर कर आज मैनें जो देखा तुझसे वो जताना चाहता हूँ। माना के मुलाकात वक्त की.....

एक बूँद की वजह से उनसे आज बात कर रहा हूँ वक्त की कसौटी है साकी यह राज बयान कर रहा हूँ यह उनके लिये लिखा है मगर वक्त को चतावानी है वो मजाक ही समझेगे में यह बताना चाहता हूँ माना के मुलाकात वक्त की....

हाँ वो अच्छे किरदार के है सकून मिला हैउनसे बात करके आदतो का पता नहीं मगर हमें फीक्र है उनको याद करके अब उनकी सोच क्या है क्या सोचो मैं उनके लिये जिंद वक्त की कीमत सब अब उनको समझाना चाहता हूँ माना के मुलाकात वक्त की....