ISRO ka Full Form Indian Space Research Organisation है। इसका हेडक्वार्टर बेंगलूर में है और ये अंतरिक्ष विभाग द्वारा कंट्रोल की जाती है जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट भेजते हैं। भारत में इसरो के कुल 13 सेंटर हैं।
इसरो की स्थापना डॉ. विक्रम साराभाई ने साल 1969 में स्वसंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन की थी। इन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता
अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन सहित भारत दुनिया के उन 6 देशों में शामिल है जो अपनी भूमि पर सैटेलाइट बनाने और उसे लॉन्च करने की क्षमता रखने वाला है।
भारत के लिए 26 Satelites लॉन्च करने के अलावा इसरो ने अब तक 21 अलग-अलग देशों का भी 79 Satelites लॉन्च किया है।
इसरो का बजट केंद्र सरकार के कुल खर्च का 0.34 प्रतिशत और GDP का 0.08 प्रतिशत है और ये कोई ज्यादा खर्च नहीं माना जाता है।
इसरो का पिछले 40 सालों का खर्च NASA के एक साल के खर्च का आधा है और वहीं नासा की इंटरनेट स्पीड 91GBps है तो इसरो की इंटरनेट स्पीड 2GBps है।
साल 1961 में पाकिस्तान का भी एक स्पेस सेंटर शुरु हुआ था जिसका नाम SUPARCO है और ये अब तक सिर्फ 2 सैटेलाइट्स लॉन्च किए है वो भी विदेशी मदद के जरिए। इसरो से इसका कोई मुकाबला ही नहीं है।
भारत के पहले रॉकेट के लॉन्च के समय भारतीय वैज्ञानिक हर रोज तिरूवंतपूरम से बसों में आते थे और रेलवे स्टेशन पर दोपहर का खाना खाते थे। पहले रॉकेट के कुछ हिस्सों को तो साइकिल पर ले जाया गया था।
आर्यभट्ट इसरो का पहला उपग्रहै जो 19 अप्रैल 1975 को रूस की सहायता से लॉन्च किया गया था। साल 1981 में APPLE Satelites को संसाधनों की कमी के कारण बैलगाड़ी से जाया गया था।
SLV-3 भारत द्वाा लॉन्च किया गया पहला स्वदेशी उपग्रह था और इस प्रोजेक्ट को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम डायरेक्ट कर रहे
तकनीक को दूसरे देशों तक पहुंचा देती है। ANTRIX के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर दस्पेस ेश के दो बड़े उद्योगपति रतन टाटा और जमशेद गोदरेज थे।ANTRIX इसरो की कमर्शियल डिविजन है
साल 2008-09 में इसरो ने पहला चंद्रयान-1 लॉन्च किया था जिसका बजटन 350 करोड़ यानी नासा से 8-9 गुना कम था और इसी दौरान चांद पर पानी की खोज की गई थी।
भारत (ISRO) अपने पहले प्रयास में मगंल ग्रह पर पहुंचने वाला एकमात्र देश बना था। इससे पहले अमेरिका ने 5 बार, सोवियत संघ ने 8 बार और चीन ने कई बार प्रयास किया था लेकिन वे असफल रहे।
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