बीकानेर जूनागढ़ इतिहास को लेकर रोचक तथ्य जो बीकानेर के अभद्य किले की मजबूती और उसके अडिग शौर्य को बयां करता है

जूनागढ़ दुर्ग, राजस्थान के बीकानेर में स्थित है। यह एक धान्वन दुर्ग हैं, जिसके चारों ओर खाई हैं । ,,,,

इसे महाराजा राय सिंह ने बनवया था। इस दुर्ग में कुल 37 बुर्ज है। इस दुर्ग को जमीन का जेवर कहते है।,,,,,

इसके द्वारा पर जयमल व फत्ता की गजारूढ़ मूर्तियां लगी हुई है । इसका रोचक इतिहास बेहतरीन मूर्तिकला को प्रस्तुत करता है

राजस्थान के बीकानेर में स्थित जूनागढ़ किला एक बहुत ही खूबसूरत और शानदार संरचना है। बता दें कि इस किले के चारो तरफ बीकानेर शहर बसा हुआ है।

पहले इस किले को “बीकानेर किले” के नाम से जाना-जाता था लेकिन फिर 20 वीं शताब्दी में इस किले का नाम बदलकर जूनागढ़ रख दिया गया।

जूनागढ़ का किला दिखने में बेहद आकर्षक है, जो यहां आने वाले पर्यटकों कों अपनी तरफ खींचता है। (जय बीकाणा )

जूनागढ़ किले की नींव 1478 में राव बीका द्वारा रखी गई थी लेकिन इस भव्य और खूबसूरत संरचना का निर्माण 17 फरवरी 1589 को राजा राय सिंह द्वारा शुरू किया गया था।

अगर आप इस खूबसूरत किले की सैर करना चाहते हैं तो बता दें कि यह किला राजस्थान आने वाले पर्यटकों के लिए बेहद खास है,

इस किले की संरचना यहां आने वाले लोगों आश्चर्यचकित कर देती है। आइये आपको जूनागढ़ के बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।

जूनागढ़ किले के निर्माण की शुरुआत 1478 में राव बीका द्वारा की गई थी। और आपको बता दे बीकानेर की स्थापना भी राव बिका ने की थी

पहले यह चट्टान का बना एक किला था लेकिन बाद में बीकानेर के इस किले को सुरक्षित रखने के लिए इसके चारों ओर वर्तमान में स्थित जूनागढ़ किले का निर्माण करवाया गया।

बीकानेर शहर 1472 में स्थापित किया गया था और यह शक्तिशाली किले के चारों ओर  फैला हुआ है।

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इतिहास की माने तो जूनागढ़ किले पर कई बार आक्रमण हुआ लेकिन सिर्फ एक शासक को छोड़कर बाकी सभी इस किले को हासिल करने में विफल रहे।

बता दें कि बाबर के बेटे कामरान मिर्जा 1534 में राव जैत सिंह के शासन के दौरान सिर्फ एक दिन के लिए जूनागढ़ के किले पर कब्ज़ा कर पाए थे।

इश्के पीछे भी कोई सत्य प्रमाण नहीं है इतिहास को फेर बदल कर पेश करना मुगलो की हुबि मानी जाती थी, जूनागढ़ आपराज्य था

इसके बाद अपने छठे शासक राजा राय सिंह के शासन काल में बीकानेर शहर का विकास हुआ।

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जिन्होंने 1571-1611 तक यहां शासन किया था। बाद में राजा राय सिंह ने मुग़ल शासन को स्वीकार कर लिया और उन्होंने अकबर और जहाँगीर के शासन में उच्च पद हासिल कर लिया।

कई युद्ध में जीत हासिल करने के बाद राजा राय सिंह की काफी तारीफ की गई जिसके बाद उन्हें कई जागीरें दीं गई।

मुग़ल शासन में अच्छा पद हासिल करने के बाद राजा राय सिंह ने 17 फरवरी 1589 जूनागढ़ किले का निर्माण शुरू किया जिसका काम 17 जनवरी 1594 को पूरा हुआ।

जूनागढ़ किले की संरचना दिखने में बेहद आकर्षक है, यह किला उत्क्रष्ट वास्तुकला का एक प्रतीक है। ,,,,,,...

किले की वास्तुकला में कई संस्कृतियों का मिश्रण है, जिसकी वजह से जूनागढ़ किले की संरचना में इस पर राज करने वाले हर शासक का प्रभाव दिखता है।

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