शिव की बनी रहे आप पर छाया
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया
मिले आपको वो सब इस अपनी ज़िन्दगी में
जो कभी किसी ने भी ना पाया।
मैंने तेरा नाम ले लेकर ही सारे काम किए हैं,
लोग समझते हैं कि मैं किस्मत वाला हूं।
जय भोलेनाथ
मस्तक सोहे चन्द्रमा,
गंग जटा के बीच,
श्रद्धा से शिवलिंग को,
निर्मल जल मन से सीच।
भोले हैं सबका दाता भोले ही भाग्यविधाता,
जब कोई काम नहीं आता तो शंभू साथ निभाता।
हर-हर महादेव
किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते हैं,
और बदलने वाले को भोलेनाथ कहते हैं।
नाच रहे ड़मरू की ताल पर शिवशंम्भु,
त्रिशुलधारी गंगाधर बाबा महाकाल सर्वेशु।
मर-मर के तू लाख जन्म ले ले,
हाथ में तेरे राख भी ना आयेगा।
आरंभ तेरा तुझसे है,
अंत में तू महाकाल के पास जायेगा।
जिनके रोम रोम में शिव हैं
वही विष पिया करते हैं
जमाना उन्हे क्या जलाएगा
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं।
जय भोलेनाथ, शिव शम्भू
शव हूँ मैं भी शिव बिना,
शव में शिव का वास,
शिव मेरे आराध्य हैं,
मैं हूँ शिव का दास।
अगर महाकाल से मोहब्बत करना सजा है,
तो ऐसी सजा मुझे हर बार मंजूर है।
जय भोलेनाथ
यह कैसी घटा छाई हैं
हवा में नई सुर्खी आई है
फ़ैली है जो सुगंध हवा में
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है।
ना जीने की खुशी,
ना मौत का गम,
जब तक हैं दम,
महादेव के भक्त रहेंगे हम।
इस मौसम में ठंड उनको लगेगी,
जिनके कर्मों में दाग है।
हम तो महाकाल के भक्त हैं,
भैया हमारे तो मुंह में भी आग है।
जय भोलेनाथ
शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलो को सुरूर मिलता हैं
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता हैं।
ना पूछो मुझसे मेरी पहचान,
मैं तो भस्मधारी हूँ,
भस्म से होता जिनका श्रृंगार,
मैं उस भोलेनाथ का पुजारी हूँ।
कोई दौलत का दीवाना,
कोई शोहरत का दीवाना,
शीशे सा मेरा दिल,
मैं तो सिर्फ महादेव का दीवाना।
बाबा ने जिस पर भी डाली छाया
उसकी किस्मत की पलट गई काया
वो सब मिला उसे बिन मांगे ही
जो कभी किसी ने ना पाया।
सागर मथ के सभी देवता अमृत पर ललचाए,
तुम अभ्यंकर विष को पीकर नीलकंठ कहलाए।
जय भोलेनाथ
जब ज़माना मुश्किल में डाल देता हैं,
तब मेरे भोले हज़ारों रास्ते निकाल देता हैं।
कर्ता करे न कर सके
शिव करे सो होये
तीन लोक नो खंड में
शिव से बड़ा ना कोय।
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ख़ुशी मनाओ उसके जन्म की.. जिसने दुनिया को प्रेम सिखाया !!
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