भारत में एक ऐसी नदी है जो अपने बहाव से विपरीत बहती है तो आप क्या कहेंगे.? आज इस आर्टिकल में हम आपको उसी नदी के बारे में बताएंगे.

स्थान:  मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों से होकर बहती है। यह मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मैकाल पर्वत से निकलती है।

लंबाई: नर्मदा नदी की कुल लंबाई लगभग 1,312 किलोमीटर (815 मील) है, जो इसे भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी बनाती है।

महत्व: नर्मदा नदी भारत में महान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। इसे हिंदू धर्म की सात पवित्र नदियों में से एक माना जाता है और यह विभिन्न पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों से जुड़ी है।

सहायक नदियाँ: हिरन, तवा, बरना, कोलार और शक्कर नदियाँ शामिल हैं।

बांध और जलाशय: सिंचाई, बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति के लिए अपने जल संसाधनों का दोहन करने के लिए नर्मदा नदी को कई स्थानों पर बाँध दिया गया है।

नर्मदा पर बने प्रमुख बांधों में सरदार सरोवर बांध, बरगी बांध, इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध शामिल हैं।

संगमरमर की चट्टानें: नर्मदा नदी विशाल संगमरमर की चट्टानों के एक कण्ठ से होकर बहती है, जिसे संगमरमर की चट्टानें कहा जाता है। यह प्राकृतिक खिंचाव एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और इसे कई चित्रों और तस्वीरों में चित्रित किया गया है।

नर्मदा के धारा के विपरीत बहने के पीछे एक मुख्य वजह है. दरअसल, यह सब होता है रिफ्ट वैली के कारण.

रिफ्ट वैली का मतलब होता है नदी का बहाव जिस दिशा में होता है, उसका ढलान उसके विपरीत दिशा में हो. इसी ढलान की वजह से नर्मदा नदी का बहाव पूर्व से पश्चिम की ओर है. यह नदी मैखल पर्वत के अमरकंटक के शिखर से निकलती है.

पौराणिक कहानी क्या कहती है नर्मदा नदी के धारा के विपरीत बहने के पीछे एक पौराणिक कहानी भी लोकप्रिय है. कहते हैं कि नर्मदा नदी का विवाह सोनभद्र से तय हुआ था,

लेकिन नर्मदा की सहेली जोहिला के कारण दोनों के बीच दूरियां आ गईं और इससे क्रोधित हो कर नर्मदा ने आजीवन कुंवारी रहने का फैसला किया और धारा के विपरीत बहने का निर्णय लिया.

next stori गंगा नदी नही थी तब कोनसी नदी भारत में बहती थी❓

thanks for  reading