नज़र अंदाज़ कर दिया तुमने हमें भुला दिया ग़ैर कह कर तुमने हमें क्या दिल से भी यादें मेरी भुला दोगे सिर्फ ये बता दो........
मुलाकातों का अनुभव भुला दोगे भुला देना दिल के हर राज़ तुम वादे, किस्से और जज़्बात तुम सिर्फ ये बता दो.....
साथ बिताये हर लम्हा भुला देना गुजरा वक़्त हंसकर तुम भुला देना मुस्कुराकर भुला दोगे क्या ख्वाब तुम सिर्फ ये बता दो.....
जिस मंजिल पर मेरी नजर है वो तेरे शहर से होकर गुजरती है
मगर तूं ये मत समझना कि कमजोर पड़ जाऊंगी तेरी राहों में
सफ़र और भी आसान होगा जब यादें तेरी तुझे वापस लौटाऊंगी
फुर्सत के पलों में मन गुदगुदाने लगता है। शाम होती है, तुम्हे याद करने लगता है।
काफिला यहीं नहीं रुकता तेरी यादों का सफ़र पर खूद ही मन मचलने लगता है।
खो जाता है मन सपनों की नयी दुनिया में जब सांया तेरा पास महसूस होने लगता है।
तुम्हारी याद आती है मन तड़पने लगता है रौशन का कोई दीपक बिना जले सुलगता है