मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थी मैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा

आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है   तेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी  तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा

मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनी  तुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा

ज़िंदगी है बस चार दिन की कुछ भी ना गिला कीजिये,   दवा, जहर, जाम, इश्क़ जो मिले मज़ा लीजिये...

शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना, गमों की महफिल भी कमाल की जमती है !

लोग तो आपको आपकी कमिया ही दिखाएंगे,   मगर आपकी नज़र अपने हुनर पे होनी चाहिए।

रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ,   ऐ मुश्किलों, देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।

काश इक दिन ऐसा भी आये हम तेरी बाहों में समा जाएँ,  सिर्फ हम हो और तुम हो और वक्त ही ठहर जाए।

मेरे खातिर जज्बात यूं ही नहीं मरे है उसके  लगता है किसी ने कान भरे हैं उसके

मैं जिस के साथ कई दिन गुजार आया हूँ  वो मेरे साथ बसर रात क्यूँ नहीं करता

जो खुद गलत है,उनसे डर रहे हो  जनाब बड़ी गलती कर रहे हो।