आईने का जिगर देखकर हैरान हु एक तो कातिल सी नजर उसपर काजल का कहर
नजर तेरी जब जुकती हे तो तेरी तारीफ करने को मन करता हे अपने जान से भी ज्यादा ये दिल प्यार करता हे।
हजूर इशारे ही कीजिये नजर कातिलाना हे अगर इश्क हे हमसे तो जाहिर भी कीजिये।
तेरी नजरो की क्या तारीफे करू इसने तो दीवाना बना दिया छोरी से डरने वालो को नजरो ने रांझा बना दिया।
इश्क का साहेब मौसम चल रहा हे जरा संभलकर रहियेगा मार देंगी अगर नजरे नजरो को तो हमे कातिल न कहियेगा।
देख लेना आज भी कभी फुर्सत मिले तो किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी हे।
इस ज़माने की नजर न लगे इस रिश्ते को हमारी भी तम्मना हे मौत तक दोस्ती निभाने की।
हम अच्छी तरह वाकिफ हे तेरे नजर अंदाज करने के अंदाज से बस कभी में कायल था इनका आज उनसे मेरा दिल घायल था।
कुछ यु मोड़ दो अपनी जिंदगी के सलीके को जो तुम्हे नजर अंदाज करे उन्हें नजर आना छोड़ दो।
आज भी नहीं बदली उनकी ये नजर चुराने की आदत ज़माने से कभी मेरे लिए और अब ज़माने के लिए हमसे।