चंद्रयान 3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 से 150 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल से संपर्क हो गया है। 

जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा और ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश हो सकता है।

चंद्रयान 3 चांद की सतह पर उतरने वाला है। पहले चंद्रयान मिशन ने साबित किया कि चांद पर पानी है। चंद्रयान-2 मिशन में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर लगाना था, लेकिन चीजें ठीक से काम नहीं कर पाईं।

चंद्रयान-2 का मॉड्यूलर मिशन उल्लेखनीय रूप से सफल रहा। चंद्रमा पर उतरना कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा लगाने के लिए आप देख सकते हैं कि रूस लूना-25 को उतारने में सफल नहीं हो सका।

मुझे पूरा यकीन है कि 23 अगस्त को सफल लैंडिंग होगी। चंद्रयान-3 हमें पानी, जल स्रोतों और खनिजों की पहचान करने में मदद करेगा।

चंद्रयान 3 की लैंडिंग पर अभिनेत्री करीना कपूर खान ने कहा कि यह भारत के लिए एक महान क्षण है और हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। हम सभी इसे देखने का इंतजार कर रहे हैं। 

23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर इस पर निर्णय लेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं।

यदि कुछ भी अनुकूल नहीं लगता है, तो हम 27 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतार देंगे। कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम होंगे।

भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को उतरने का प्रयास करेगा, जिससे संभावित रूप से कई आर्थिक लाभ मिलने का रास्ता साफ हो सकता है।

भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2025 तक 13 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। चंद्रमा पर सफल लैंडिंग भारत की तकनीकी क्षमता को भी बयां करेगी।

14 जुलाई के प्रक्षेपण के बाद पिछले तीन हफ्तों में पांच से अधिक प्रक्रियाओं में इसरो ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी से दूर आगे की कक्षाओं में बढ़ाया था।

इसरो ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल से संपर्क हुआ है। दोनों के बीच टू-वे कम्युनिकेशन स्थापित हो गया है।

इसरो का चंद्रयान-3 मिशन अपने अंतिम चरण में है। इससे पहले विक्रम लैंडर ने चांद के दूरस्थ स्थल की कुछ तस्वीरें ली हैं। इन्हें इसरो की तरफ से सोमवार सुबह ट्विटर पर साझा किया गया है।