जंगल में सन्नाटा छाया हैं,
एक घायल टाइगर
लौट कर वापस आया हैं।
Tiger जैसा जज्बा रखते है,
तुमसे ज्यादा हम औकात रखते है।
खौफ तो आवारा
कुत्ते भी मचा देते है,
पर दहशत हमेशा
टाइगर की ही होती है।
अपने हौ
सले को
हद से ज्यादा
बढ़ाया है,
तब अंदर के टाइगर को जिन्दा कर पाया है।
अपने हौसले को हद से ज्यादा बढ़ाया है,
तब अंदर के टाइगर को जिन्दा कर पाया है।
टाइगर भी शिकार बन जाता है,
जब शिकारी इंसान बन जाता है।
सिर्फ उम्र में छोटे है,
लेकिन जज़्बा
एक टाइगर सा रखते है।
चुनाव तो
जंगल में भी हो सकते हैं साहब,
लेकिन शेर के सामने खड़ा होने वाला
कोई उम्मीदवार नहीं हैं।
बादशाह नहीं टाइगर हु मै,
इसलिए
लोग इज्जत से नहीं
मेरी इजाज़त से मिलते हैं
।
ज़रा सा वक़्त क्या बदला नज़र मिलाने लगे,
जिनकी औकात नहीं थी वो सर उठाने लगे।
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तेरे अहसा की खुशबू
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