चित्तौड़गढ़ का किला बेराच नदी (Berach River valley) के किनारे राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में बसा हुआ है
राजस्थान का गौरव है और भारत का सबसे बड़ा किला. इसका निर्माण मौर्यों द्वारा सातवीं सदी में हुआ था.
आइये इस लेख के माध्यम से चित्तौड़गढ़ किले के बारे में 10 रोचक तथ्यों पर अध्ययन करते हैं.
राजस्थान अपनी स्थापत्य कला में काफी प्रसिद्ध है. यहां अनेक किले (Forts). दूर्ग आदि पाए जाते हैं जिससे यह पता चलता है कि यहां के शासकों को स्थापत्य कला में काफी दिलचस्पी थी
इसलिए सम्पूर्ण दुनिया को राजस्थान आकर्षित करता है. पूरी दुनिया से लोग यहां की कला को देखने के लिए आते हैं.
यह भारत के सभी किलों में सबसे बड़ा माना जाता है. पहाड़ी पर बसा यह किला राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है.
इसकी लम्बाई लगभग 3 किलोमीटर, परिधि 13 किलोमीटर लम्बी और तकरीबन 700 एकड़ ज़मीन पर फैला हुआ है.
ऐसा माना जाता है कि चितौड़गढ़ के किले को सातवीं सदी में मौर्यों द्वारा बनवाया गया था. इस अवधि के सिक्कों पर अंकित मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी
इस किले का उपयोग आठवीं से सोलहवीं सदी तक मेवाड़ पर राज करने वाले गहलोत और सिसोदिया राजवंशों ने निवास स्थल के रूप में किया. इस शानदार किले पर सम्राट अकबर ने अपना आधिपत्य वर्ष 1568 में जमा लिया था.
चित्तौड़गढ़ किले के परिसर में लगभग 65 ऐतिहासिक निर्मित संरचनाएं हैं, जिनमें से 4 महल परिसर, 19 मुख्य मंदिर, 4 स्मारक और 22 कार्यात्मक जल निकाय शामिल हैं
इस किले में 7 प्रवेश द्वार हैं: राम पोल, लक्ष्मण पोल, पडल पोल, गणेश पोल, जोरला पोल, भैरों पोल और हनुमान पोल. यानी की इस किले में अंदर जाने के लिए इन सात प्रवेश द्वारों से होकर जाना होगा और फिर सूर्य पोल को भी पार करना होगा जो कि मुख्य द्वार है
साथ ही पहाड़ की शिखा पर दुर्ग परिसर में कई जलाशय भी दुर्ग को विशेष बनाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि पहले इस किले में 84 जल निकाय थे जो 50,000 सैनिकों को 4 साल तक पानी की आपूर्ति प्रदान कर सकते थे
इन सब आकर्षणों के अलावा सबसे खास हैं यहां के दो पाषाणीय स्तंभ, जिन्हें कीर्ति स्तंभ और विजय स्तंभ कहा जाता है. ये दो स्तंभ, किले के और राजपूत वंश के गौरवशाली अतीत को दर्शाते हैं
चित्तौड़गढ़ किले के अंदर कई महल व अन्य रचनाएं भी स्थापित हैं. जैसे कि पद्मिनी महल, राणा कुंभा महल और फ़तेह प्रकाश महल आदि. क्या आप जानते हैं
इस किले का सबसे खास और खूबसूरत हिस्सा राणा कुभा का महल है. महल के अंदर झीना रानी का महल, सुंदर शीर्ष गुंबद और छतरियां, झीना रानी महल के पास गौमुख कुंड आदि खूबसूरत पर्यटन क्षेत्र हैं.
इस किले का एक और खूबसूरत हिस्सा पद्मिनी महल है . यह महल किला परिसर के बीच एक छोटे सरोवर के निकट स्थित बहुत ही खूबसूरत है. एक अन्य ऐतिहासिक मंदिर जो कि भगवान सूर्य को समर्पित है इसी महल के नजदीक है. पद्मिनी महल का जनाना महल शीशों से निर्मितकक्षों से भरा हुआ है जो काफी अदभुत है.
. चित्तौड़गढ़ का किला जौहर कुंड के लिए भी जाना जाता है. हम आपको बता दें की 'जौहर प्रथा' राजस्थान में काफी प्रचलित है. यह सती प्रथा की तरह ही है परन्तु इसका उपयोग तब किया जाता था
जब कोई राजा किसी युद्ध में अपने शत्रु से हार जाता था और अपने सम्मान को बचाने के लिए शत्रुओं के हाथ लगने की बजाय, महल की स्त्रियां कुंड की अग्नि में खुद को न्योछावर कर देती थी.
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