- hri mnu sain
मुलाकात पहली नही पर आखीरी थी वो रात आखिरी नही उसके साथ आखिरी थी
वो मुलाकात आख़िरी एक थी वो रात आखिरी नही पर एक थी आखरी रात, बाते अनेक थी बिस्तर, उसपे लगी चादर रंगी खुशबू....
- hri mnu sain
इतने घोर से न सुन तू उस रात का हर एक पहर भी सिर्फ एक पल था बीती आधी रात, पर बीता अभी एक पल था वो मेरा नही आज, बीता हुआ एक सुनहरा कल था
में अनजान था इरादो से, और अचानक से वो मेरे पास आ गई पर सायद वो मोहबत्त के बदले कुछ देने आ गई सायद वो अंतिम कीमत चुकाने आ गई मोहब्बत की इकाइयां रातों की हकीकत्त हो गई रात भर जो सक्स बाहों मे थी, वो सवेरे कहां गुम हों गई
- hri mnu sain
में बिन तेरे रह नहीं सकती, मे तुझसे जुदा होने का दर्द सह नहीं सकती बस यही तकलीफे दर्द, हम एक दूजे से कहते रहे रात भर एक दूजे की बाहों में, पिगलते रहे कुछ अनकहे राज थे...... जो कहते रहे
- hri mnu sain
- hri mnu sain
बस यही तकलीफे दर्द हम एक दूजे से कहते रहे रात भर हम आंसुओं में बहते रहे हम जुदा हो ही नही सकते ज़िंदगी भर वो हमें रिझाते रहे
- hri mnu sain
में हैरान था की कैसे वो अचानक से कोई और हों गई जो लबो को कानो के अंदर कहती थी वो अचानक से केसे शोर हों गई अगली मुलाकात में जो पहचान न सकी में हैरान था की किसे वो कोई और हों गई
- hri mnu sain
मोहब्बत की इकाइयां रातों की हकीकत्त हो गई कुछ ही सिसकियों के बदले, कीमत अदा कर गई कल तक वो मेरी रूह थी आज जिस्म से जुदा हो गई दिल पत्थर बनकर वो पत्थर की मूर्त खुदा हो गई
- hri mnu sain
हर पल के किसी पल में वो पल न था हम किसके लिए और क्यों जुदा हो रहे है ये समस्या थी और इस समस्या का कोई हल न था
पहली नही पर मुलाकात आखीरी थी बात आखिरी नही उसके साथ आखिरी थी दुनियां के सवाल ऐसे थे जिनका कोई जवाब नही था जो पूरा न हुआ आधे सफर का तो कोई ख्वाब नही था
- hri mnu sain
भरी महफिल में सिर्फ में अनजान था, कोन हों तुम,.... बस यही उसका जवाब था मेरे ख्वाबों से मेल खाता वो उस चहरे का रवाब नही था कोई शिकायत नही, पर मेरे ख्वाबों का ये जवाब नहीं था