छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास?

– 17 वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के विघटन का सूत्रपात आरंभ हो गया। इससे स्वतंत्र राज्यों का विभिन्न क्षेत्रों में उदय हुआ। उनमें राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली राज्य मराठा राज्य था। जिसकी स्थापना शिवाजी ने की थी।

– मराठों के उत्कर्ष में मराठा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, औरंगजेब की हिंदू विरोधी नीतियों के फलस्वरूप हिंदू जागरण, मराठा संत कवियों का धार्मिक आंदोलन आदि महत्वपूर्ण कारक थे।

मराठों के मूल प्रवेश के संदर्भ में आधुनिक इतिहासकारों का मत है कि मराठे आर्य तथा द्रविणों के मिश्रण थे। आजकल जिस प्रदेश को महाराष्ट्र कहा जाता है,

मध्य युग में उसमें पश्चिमी समुद्र तट का कोंकण प्रदेश, खानदेश तथा बरार का आधुनिक प्रदेश, नागपुर क्षेत्र, दक्षिण का कुछ हिस्सा तथा निजाम के राज्य का एक तिहाई भाग था। यह भू छेत्र मराठवाड़ा कहलाता था, जो कालांतर में महाराष्ट्र कहलाने लगा।

– मराठा राज्य के संस्थापक शिवाजी का जन्म 1627 ईस्वी को पूना के निकट शिवनेर में हुआ था। शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले बीजापुर राज्य की सेवा में नियुक्त थे, शिवाजी की माता जीजाबाई यादव परिवार की राजकुमारी थी।

शिवाजी के गुरु समर्थ स्वामी रामदास थे। शिवाजी ने 19 वर्ष की आयु में 1646 ईसवी में कुछ मवाली लोगों का एक दल बनाकर पूना के निकट स्थित तोरण के दुर्ग पर अधिकार कर लिया था।

– शिवाजी ने 1646 ईस्वी में ही बीजापुर के सुल्तान से रायगढ़, चाकन तथा 1647 ईस्वी में बारामती, इंद्रपुर, सिंहगढ़ तथा पुरंदर का दुर्ग भी छीन लिया था।

शिवाजी ने 1656 में कोंकण में  कल्याण और जावली का दुर्ग भी अधिकृत कर लिया था। 1656 ईस्वी में ही शिवाजी ने अपनी राजधानी रायगढ़ बनाई थी।

1657 ईस्वी में शाहजहां के शासनकाल में शिवाजी का मुकाबला पहली बार मुगलों से हुआ,  जब दक्षिण के सूबेदार औरंगजेब ने बीजापुर पर आक्रमण किया और बीजापुर ने  मुगलों के विरुद्ध शिवाजी से सहायता मांगी।