मैं चाहता था
कि उस को गुलाब पेश करूँ,
वो खुद गुलाब था
उस को गुलाब क्या देता.
काँटों से घिरा रहता है,
फिर भी गुलाब खिला रहता है.
दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे
उस ने भेजा है इक गुलाब मुझे
तेरे बगैर किसी और को देखा नही मैंने,
सूख गया तेरा गुलाब मगर फेका नहीं मैंने.
गुलाब जैसी हो, गुलाब लगती हो,
हल्का सा जो मुस्कुरा दो, तो लाजवाब लगती हो.
फूल गुलाब का भेज रहे है आपके लिए,
लबों से छूकर जान इसमें डाल दीजिए.
गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है,
देता है पैगाम मोहब्बत का और खुद काँटों में रहता है.
ये खूबसूरत प्यारा सा गुलाब मैंने
उन्हें दे दिया,
जिन्होंने बिना सोचे
मोहब्बत से भरा दिल मुझे दे दिया.
उनकी जुल्फों की खूबसूरती और बढ़ गई,
जब एक गुलाब उनके बालो में सज गई.
मेरी बेचैनियों का कुछ यूँ हिसाब रखना,
कि हर हिचकी पर तुम इक गुलाब रखना.
गुलाब पर ये जुल्म क्यों ढाते है लोग,
इश्क़ के इजहार के लिए तोड़ लाते है लोग.
इंसान गुलाब को कब डालियों में छोड़ते है,
मोहब्बत का वास्ता देकर बड़े अदब से तोड़ते है.
टूटे हुए इंसान की आँखों से
निकलता है आब,
हसीन कितना भी हो
बिखर जाता है जैसे गुलाब.
ये सिर्फ एक गुलाब नही,
मेरी प्यार की निशानी है,
रखना इसे आप संभाल के
इस के हर पत्ते में छुपी
हमारे प्यार की कहानी है.
प्यार का तोहफा कुछ इस तरह
दिया उसने,
एक गुलाब में
सब कुछ कह दिया उसने,
उसका ये हुनर हम भी आजमाएंगे,
देकर लम्हें प्यार के हम भी इश्क जताएंगे.
लग गई बद्दुआ हमें उन गुलाबों की,
जिनका कत्ल हमने तुम्हारी खातिर किया था.
काटें तो आने ही थे हमारे नसीब में,
हमने यार भी तो गुलाब जैसा चुना था.
मोहब्बत गुलाब से हो जाए,
तो काटों से नफ़रत क्या?
आखिर एक गुलाब को
काटों में ही खिलना पड़ता है.
लफ्जों की तरह तुझे किताबों में मिलेंगे,
बनके महक तुझे गुलाबों में मिलेंगे,
चेहरा आपका खिला रहे गुलाब की तरह,
नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह,
ख़ामोश बैठी गजल को
अल्फाज़ दे आया,
आज एक गुलाब को गुलाब दे आया.
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मोहब्बत का एक कतरा इनके लिए भी… love birds🥰
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