वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए, पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए…

अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो, रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो…

रोने से किसी को पाया नहीं जाता, खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता, वक़्त सबको मिलता है ज़िन्दगी बदलने के लिए पर ज़िन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए.

बुरा वक्त तो सबका आता हैं, कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता हैं…

वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख, किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे…

वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है.

जब आप का नाम जुबान पर आता हैं, पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं, तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना, जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं…

जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आते तो अपनों में छुपे गैर, और गैरों में छुपे हुए अपने कभी नजर नही आते…

वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं, छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं, कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना, लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता हैं…