UK ने $3.11 ट्रिलियन मार्केटकैप के साथ दुनिया के 6वें सबसे बड़े शेयर बाजार के रूप में भारत से आगे निकला

यूके ने लगभग नौ महीनों में पहली बार दुनिया के छठे सबसे बड़े इक्विटी बाजार के रूप में भारत को पीछे छोड़ दिया है क्योंकि कमजोर पाउंड ने लंदन में हैवीवेट निर्यातकों के व्यापार की अपील को बढ़ावा दिया और अडानी समूह के नेतृत्व वाले झटके ने मुंबई में शेयरों का वजन कम किया। Bloomberg द्वारा जारी रिपोर्ट से किस प्रकार अदानी समूह के शेरों में बिकवाली आ रही है यूके का शेयर मार्केट 3.11 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया इसका प्रमुख कारण यूके सरकार की विदेशी निवेशकों के लिए बेहतरीन पॉलिसी तथा बाजार की स्थिरता है इस साल अब तक यूके का शहर बाजार 5.9 प्रतिशत बड़ा है पिछले साल ही यूके शेयर बाजार ने यूरोप के सबसे बड़े शेयर बाजार के रूप में अपनी जगह होने के बाद अब वह फ्रांस से पीछे है इसी बीच भारत का शेर बाजार कमजोर रुपए तथा अमेरिकी कंपनी हिंडोन वर्ग रिसर्च द्वारा अदानी ग्रुप के शहर में एयर फेयर तथा लेखा-जोखा में गड़बड़ी के आरोपों के चलते अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत में भारी गिरावट जारी है भारतीय शेयर बाजार इस वर्ष 6 पॉइंट 1 प्रतिशत गिरा है जबकि गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनियों के शहरों में 142 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई है आपको बता दें कि इससे पहले अदानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में एक थे hindenburg रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अडानी समूह ने इससे बार बार इनकार किया है और दावों को झूठा करार दिया है इसके अलावा अदानी समूह द्वारा अपने खर्चों में कटौती की गई है तथा ऋण भी चुकाया है क्योंकि समूह अपने वित्तपोषण तक पहुंचने के बारे में चिंतित व्यापारियों को शांत करना चाहते हैं अडानी की नकारात्मक सुर्ख़ियों से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के बीच चिंताएं पैदा हो रही है लेकिन इसका मुख्य सर ढाणी समूह पर ही रह नहीं का अनुमान है इस घटना से विदेशी निवेशकों में भारतीय शेयर मार्केट के प्रति अपने रुझान में कमी आने का अनुमान है

 

 

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