इस बार भी दो दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या:आज पितरों के लिए पौधे लगाना रहेगा शुभ, कल कृषि औजारो का पूजन

इस बार भी दो दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या:आज पितरों के लिए पौधे लगाना रहेगा शुभ, कल कृषि औजारो का पूजन
इस बार भी दो दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या:आज पितरों के लिए पौधे लगाना रहेगा शुभ, कल कृषि औजारो का पूजन

इस बार भी दो दिन मनाई जाएगी आषाढ़ अमावस्या:आज पितरों के लिए पौधे लगाना रहेगा शुभ, कल कृषि औजारो का पूजन

ivillagenetwor न्यूज़  बीकानेर। 17 जून 2023 :हिंदू धर्म में आषाढ़ मास का विशेष महत्व है और इस माह में आने वाली अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। शनिवार काे श्राद्ध अमावस्या है, इस दिन स्नान और दान का विशेष महात्म्य है। रविवार काे हलाहारी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा, जो कृषि से जुड़ा है। इस दिन किसान कृषि औजाराें का पूजन करेंगे। यह दिन पितराें की शांति के लिए महत्वपू्र्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पाैधे लगाने से पितर प्रसन्न हाेते हैं।

पिछले साल भी आषाढ़ अमावस्या दाे दिन मनाई जाएगी। लगातार दाे साल तक आषाढ़ अमावस्या पर स्नान दान का दिन अलग और पितर पूजन, हल पूजन और पाैधे लगाने का दिन अलग-अलग आया है। ज्याेतिर्विद पंडित हरिनारायण व्यास मन्नासा के अनुसार धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक अमावस्या पर 9 ग्रहों में से एक चंद्रमा की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस साल आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 17 जून शनिवार को सुबह 09:13 बजे से शुरू होकर 18 जून रविवार की सुबह 10.07 बजे तक रहेगी। अमावस्या पर मंदिराें में विशेष धार्मिक आयाेजन हाेंगे। भगवान काे पीले वस्त्र पहनाए जाएंगे। शनिवार को सूर्योदय से शाम 4.25 बजे तक सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग रहेगा। इस याेग में दान-पुण्य और पितरों के तर्पण का विशेष फल मिलेगा।

स्नान-दान अमावस्या आज हिंदू पंचांग के मुताबिक शनिवार को स्नान-दान अमावस्या होगी। मन्नासा बताते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है, यदि आपके घर के आसपास नदी नहीं है तो घर में किसी भी पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देवता को नमन करते हुए ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए और तांबे के पात्र से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। साथ ही अनाज, वस्त्र, बर्तन आदि का दान करना चाहिए। गायों को हरा चारा खिलाना चाहिए और मछली के लिए तालाब या नदी में आटे की गाेलियां डालनी चाहिए।


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