बीकानेर सहित पुरे राजस्थान में कल से प्राइवेट बसें बंद, 30 हजार बसों का चक्काजाम, यात्रियों को नही मिल रहे टिकट

बीकानेर सहित पुरे राजस्थान में कल से प्राइवेट बसें बंद, 30 हजार बसों का चक्काजाम, यात्रियों को नही मिल रहे टिकट
बीकानेर सहित पुरे राजस्थान में कल से प्राइवेट बसें बंद, 30 हजार बसों का चक्काजाम, यात्रियों को नही मिल रहे टिकट

बीकानेर सहित पुरे राजस्थान में कल से प्राइवेट बसें बंद, 30 हजार बसों का चक्काजाम, यात्रियों को नही मिल रहे टिकट

निजी बस ऑपरेटर्स की ओर से 12 सितंबर से चक्का जाम हड़ताल के बाद यात्रियों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

ivillagenetwor न्यूज़  बीकानेर। 11 सितंबर 2023 :प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की ओर से 12 सितंबर से चक्का जाम हड़ताल के बाद यात्रियों के सामने संकट खड़ा हो गया है। हड़ताल की चेतवानी के बाद बस ऑपरेटर्स ने बुकिंग करना बंद कर दी है। हड़ताल होने पर 30 हजार निजी बसों का संचालन नहीं होगा। इन बसों में प्रतिदिन लाखों यात्री सफर करते हैं। इसमें 1 हजार लोक परिहवन सेवा की बसें हैं, जो प्रदेश की गांव-ढाणी से यात्रियों को लेती है। हड़ताल का एलान बस ऑपरेटर्स एसेसिएशन राजस्थान की ओर से किया गया है। बीकानेर संभाग बस ऑपरेटर एसेसिएशन के अध्यक्ष विनोद भाकर ने बताया कि बसें 11 सितंबर रात 12 से प्राइवेट बसों का संचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।

ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण अग्रवाल और बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन राजस्थान के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू और उपाध्यक्ष विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि एसेसिएशन लोक परिवहन सेवा की बसों की मॉडल कंडीशन आॅल इंडिया परमिट की तरह 8 साल से बढ़ाकर 12 साल करने सहित कई मांगें शामिल हैं। इस संबंध में वार्ता भी हो चुकी, लेकिन बेनतीजा रही।बता दें कि 30 सितंबर को 400 निजी बसों का परमिट समाप्त होने वाला है। जिनका परमिट मॉडल कंडीशन के आधार पर बढ़ाने की मांग की गई है। अगर मॉडल कंडीशन में बदलाव हुआ तो निजी बसों के परमिट की अवधि बढ़ जाएगी। बस आपरेटरों का कहना है कि हमारे सामने कई समस्याएं है। दस साल में डीजल के भाव आसमान छू गए। लेकिन हमारे किराये में कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। हम दस साल पहले जो किराया ले रहे थे। आज भी उसके आस पास ही किराया ले रहे है।बस आॅपरेटरों का कहना है कि हम सरकार को टैक्स देते है। जबकी सरकार की ओर से हमें कोई रियायत नहीं दी जाती है। दूसरे प्रदेश यूपी, हरियाणा आदि में बस आॅपरेटरों को मॉडल कंडीशन व अन्य रियायतें मिली हुई है। लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं है। फिर भी हम बसें चला रहें है। वहीं राजस्थान रोडवेज की बसों को सरकार हमेशा घाटे में दिखाती है और टैक्स वहन करती है। जबकी हम तो टैक्स देते है। ऐसे में सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।

बीकानेर जिले सहित देश, दुनिया की विश्वसनीयओर प्रमाणिक खबरे जानने के लिए हमारे Whatsapp Group से जुड़े|

बीकानेर जिले सहित देश, दुनिया की विश्वसनीयओर प्रमाणिक खबरे जानने के लिए हमारे Facebook Page से जुड़े|

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here