नाई मीटिंग बुला खुद भी नहीं पहुंचे, समर्थक जुटे-नेता नदारद, किसनाराम और छेलूसिंह की अलग-अलग मीटिंग, निर्णय होल्ड

नाई मीटिंग बुला खुद भी नहीं पहुंचे, समर्थक जुटे-नेता नदारद, किसनाराम और छेलूसिंह की अलग-अलग मीटिंग, निर्णय होल्ड
नाई मीटिंग बुला खुद भी नहीं पहुंचे, समर्थक जुटे-नेता नदारद, किसनाराम और छेलूसिंह की अलग-अलग मीटिंग, निर्णय होल्ड

नाई मीटिंग बुला खुद भी नहीं पहुंचे, समर्थक जुटे-नेता नदारद, किसनाराम और छेलूसिंह की अलग-अलग मीटिंग, निर्णय होल्ड

श्रीडूंगरगढ़ में भाजपा प्रत्याशी का विरोध, मीटिंग बुला खुद नाई भी नहीं पहुंचे
नाई समर्थक जुटे, नेता नदारद, प्रमुख नेताओं की अलग मीटिंग, निर्णय होल्ड

नहीं हो सका फैसला – भाजपा प्रत्याशी ताराचंद के साथ प्रचार में है या नहीं

ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर। 17 अक्टूबर 2023 :श्रीडूंगरगढ़ में सोमवार को दिनभर राजनीतिक ड्रामा चला। पूर्व विधायक किसनाराम नाई ने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई लेकिन वे खुद ही इस मीटिंग में नहीं पहुंचे। नाई के पोते आशीष जाड़ीवाल ने मीटिंग ली। यहां लोगों ने कहा पूछा कि बताओ मुझे क्या करना है। ताराचंद के साथ जुटना या नहीं तो कहा गया कुछ दिन ठहरो बताएंगे। इसके बाद छैलूसिंह के घर भी लोग जुटे। यहां भी चुनाव को लेकर चर्चा हुई। निर्णय यहां भी नहीं हुआ। अंत में छैलूसिंह अपने चाचा के साथ किसनाराम नाई के पास मिलने पहुंचे। दरअसल ताराचंद सारस्वत को भाजपा का टिकट मिलने के बाद ही श्रीडूंगरगढ़ में अपनों का विरोध शुरू हो गया। पांच साल बाद 13 सितंबर को भाजपा ज्वाइन करने वाले किसनाराम नाई ने ही सबसे पहले सारस्वत के खिलाफ झंडा उठाया। एक सप्ताह पहले हुई मीटिंग में पूर्व जिलाध्यक्ष रामगोपाल सुधार और पूर्व प्रधान छैलसिंह भी पहुंचे। तब निर्णय हुआ कि 16 अक्टूबर को दूसरी मीटिंग बुलाकर निर्णय करेंगे। सोमवार को फिर ग्रामीण वहां जुटे । किसनाराम नाई की गैर मौजूदगी में उनके पोते आशीष ने कमान संभाली। यहां बड़े चेहरे कोई नहीं थे। आशीष ने कहा कि कुछ दिन और ठहरो जल्दी बताएंगे। इसके बाद कुछ लोग यहां से छैलूसिंह के आवास पहुंचे। वहां भी पहले से लोग जमा थे। यहां भी चर्चा यही थी कि आखिर चुनाव निर्दलीय लड़ा जाए या नहीं। लड़े तो कौन लड़े। किसनाराम नाई या छैलूसिंह । निर्णय यहां भी नहीं हुआ। ये दोनों मीटिंग खत्म होने के बाद छैलूसिंह अपने चाचा के साथ नाई की बाड़ी पहुंचे। वहां दोनों के बीच गोपनीय मंत्रणा हुई। निर्णय यहां भी सामने नहीं आया ।

कार्यकर्ता उत्साहित, नेता चौकन्ने
किसनाराम नाई और छैलूसिंह के समर्थकों को सोमवार को भी कोई निर्देश नहीं मिले। इसलिए अब समर्थक फिर अगली मीटिंग का इंतजार कर रहे हैं। सूत्र बताते है कि मीटिंग कर कोई निर्णय ना करना प्रेशर पॉलिटिक्स का पार्ट बताया जा रहा ताकि आलाकमान दबाव में आकर टिकट बदल दे। नेता ये भी समझ रहे कि बागी होकर लड़ना भी आसान नहीं है। पार्टी अनुशासनहीनता के नाम पर कार्रवाई में देर नहीं लगाएगी। किसनानाई नाई 2018 में पार्टी से बाहर किए गए थे। मुश्किल से 13 सितंबर को ही वापस आए हैं। छैलूसिंह नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के समर्थक बताए जा रहे हैं। उनके जन्म दिन पर ब्लड डोनेशन का कार्यक्रम करते हैं। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के भी करीबी बताए जाते हैं। स्थानीय स्तर पर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के भी करीबी हैं लेकिन नाजुक हालात देख मेघवाल ने इस मैटर से खुद को दूर कर लिया। उन्होंने अपने समर्थकों को पार्टी उम्मीदवार के साथ जुटने के लिए कहा है।

डूंगरगढ़ क्षेत्र की ताजा खबरों से दिनभर अपडेट रहने के लिए हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करेंहमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://chat.whatsapp.com/BfVOb1gHZS83hxJ0g5RWos

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here