अब न्यूरालिंक डिवाइस से अंधे देख सकेंगे व लकबे के मरीज भी चल-फिर सकेगे,कंपनी को ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट की मंजूरी, रोबोट दिमाग में चिप लगाएगा

अब न्यूरालिंक डिवाइस से अंधे देख सकेंगे व लकबे के मरीज भी चल-फिर सकेगे,कंपनी को ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट की मंजूरी, रोबोट दिमाग में चिप लगाएगा
अब न्यूरालिंक डिवाइस से अंधे देख सकेंगे व लकबे के मरीज भी चल-फिर सकेगे,कंपनी को ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट की मंजूरी, रोबोट दिमाग में चिप लगाएगा

अब न्यूरालिंक डिवाइस से अंधे देख सकेंगे व लकबे के मरीज भी चल-फिर सकेगे,कंपनी को ट्रायल के लिए रिक्रूटमेंट की मंजूरी, रोबोट दिमाग में चिप लगाएगा

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ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर। 21 सितंबर 2023 :एलन मस्क की ब्रेन-चिप कंपनी न्यूरालिंक को अपने पहले ह्यूमन ट्रायल के लिए इंडिपेंडेंट इंस्टिट्यूशनल रिव्यू बोर्ड से रिक्रूटमेंट की मंजूरी मिल गई है। यानी अब न्यूरालिंक ह्यूमन ट्रायल के लिए लोगों की भर्ती कर सकेगी। अगर ह्यूमन ट्रायल कामयाब रहा तो चिप के जरिए ब्लाइंड भी देख सकेंगे। पैरालिसिस से पीड़ित मरीज सोचकर कंप्यूटर चला सकेंगे।

न्यूरालिंक ने कहा कि जिन लोगों को सर्वाइकल स्पाइनल कॉर्ड की चोट या एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) के कारण क्वाड्रिप्लेजिया है, वे इस ट्रायल में हिस्सा ले सकते हैं। उनकी उम्र मिनिमम 22 साल होनी चाहिए। स्टडी को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे। इस दौरान पार्टिसिपेंट को स्टडी रिलेटेड कॉस्ट, जैसे साइट तक आने-जाने का ट्रैवल एक्सपेंस मिलेगा।

ट्रायल के जरिए कंपनी यह देखना चाहती है कि डिवाइस मरीजों पर कैसे काम कर रहा है। N1 इंप्लांट, R1 रोबोट और N1 यूजर ऐप की सेफ्टी भी चेक की जाएगी। हालांकि, कंपनी ने अभी यह नहीं बताया है कि ट्रायल कब शुरू होगा, या इसमें कितने प्रतिभागी शामिल होंगे। इससे पहले मई में कंपनी को ट्रायल के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिली थी।

टेलिपैथी के जरिए बंदर ने टाइपिंग की थी
इवेंट में मस्क ने जॉयस्टिक का इस्तेमाल किए बिना एक बंदर का पिनबॉल खेलते हुए वीडियो भी दिखाया था। टेलीपैथी के जरिए बंदर ने टाइपिंग भी की। न्यूरालिंक टीम ने उसके सर्जिकल रोबोट को भी डेमॉन्सट्रेट किया। इसमें दिखाया गया कि कैसे रोबोट पूरी सर्जरी को अंजाम देता है।

 

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