बर्थ सर्टिफिकेट से अब हो जाएंगे आपके सभी काम,1 अक्टूबर से लागू होगा नया नियम
ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर। 15 सितंबर 2023 :अगर आपके पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो यह खबर आपके लिए जारूरी है। जन्म प्रमाण पत्र है तो आपको कोई भी दूसरे दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। जन्म प्रमाण पत्र को लेकर एक अक्टूबर (1st October) से नया नियम लागू होने जा रहा है। इससे जन्म प्रमाण पत्र की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाएगी। 1 अक्टूबर से जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate) को सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्र सरकार (Central government) ने इस बिल को संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में पास किया था। वहीं बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने इसका नोटिफिकेशन जारी किया है।इस नियम के लागू हो जाने से आपको किसी दूसरे डॉक्यूमेंट
(Other Document) की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बर्थ सर्टिफिकेट से ही आपके काम हो जाएंगे। जैसे एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और आधार बनवाने सहित कई सारे काम आप बर्थ सर्टिफिकेट से करा सकेंगे। यह कई दस्तावेजों की जरूरत को कम कर देगा। बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र को पैरेंट्स के आधार कार्ड से जोड़ दिया जाएगा।
सरकार करेगी डाटा बेस तैयार…
अस्पतालों समेत करीब सभी सरकारी महकमों के पास यह डाटा मौजूद होगा, जिसका वे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकेंगे। जन्म और मृत्यु के रिकार्ड को मैनेज करने के लिए सरकार एक डेटा बेस तैयार करेगी। मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों से इस बिल को मंजूरी मिल गई थी। रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ (अमेंडमेंट) बिल 2023 लोकसभा में एक अगस्त को और राज्यसभा में सात अगस्त को पास हुआ था।
जानिए-नए नियम से क्या होगा?
अगर हॉस्पिटल में किसी की मौत होती है तो वो ही हॉस्पिटल डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate) जारी करेगा। अगर बाहर किसी की मौत होती है तो उस व्यक्ति की देखभाल करने वाला डॉक्टर या मेडिकल प्रैक्टिशनर डेथ सर्टिफिकेट देगा। इसके तहत रजिस्ट्रार को बर्थ और डेथ का फ्री में रजिस्ट्रेशन करना होगा। सात दिन के भीतर सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वहीं, अगर किसी को रजिस्ट्रार के कामकाज से कोई शिकायत है तो 30 दिन के भीतर उसकी अपील करनी होगी। रजिस्ट्रार को 90 दिन के भीतर अपना जवाब देना होगा।
क्या होंगे इसके फायदे…
डेथ और बर्थ रजिस्टर को इलेक्टोरल रोल से जोड़ दिया जाएगा। जैसे ही कोई व्यक्ति 18 साल का होगा, उसका नाम खुद-ब-खुद वोटर लिस्ट में जुड़ जाएगा। वहीं, जब किसी व्यक्ति की मौत होगी, तो इसकी जानकारी चुनाव आयोग के पास पहुंच जाएगी। इसके बाद उसका नाम खुद ब खुद वहां से हट जाएगा।