वन नेशन, वन इलेक्शन पर आगे बढ़ी मोदी सरकार, ‘I.N.D.I.A’ के लिए मोदी का चक्रव्यूह है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का आइडिया,पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनाई कमेटी

वन नेशन, वन इलेक्शन पर आगे बढ़ी मोदी सरकार, पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
वन नेशन, वन इलेक्शन पर आगे बढ़ी मोदी सरकार, पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनाई कमेटी

वन नेशन, वन इलेक्शन पर आगे बढ़ी मोदी सरकार, पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में बनाई कमेटी

ivillagenetwor न्यूज़  बीकानेर। 01 सितंबर 2023 : तू डाल-डाल तो मैं पात-पात। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विरोधियों के बीच यही खेल चल रहा है। विरोधी जैसे ही घेरने की जुगत लगाते हैं, मोदी नया पासा फेंक देते हैं। कई बार ऐसा लगता है कि इस बार मोदी घिर जाएंगे, लेकिन वो अचानक ऐसी चाल चल देते हैं कि कल तक मुस्कुरा रहे विरोधियों की हवाइयां उड़ने लगती है। यही वजह है कि मोदी की छवि एक दूरदर्शी, मेहनतकश और भरोसेमंद नेता की बन गई है। संभवतः उनके विरोधियों को भी पता होता है कि अगर हमने कोई चाल चली है तो मोदी ने उसकी काट पहले ही ढूंढ ली होगी। लेकिन कई बार विरोधी ही क्या, बड़े-बड़े विश्लेषक तक मोदी की संभावित चाल का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं। विरोधी इन बातों को मोदी के गुणगान के रूप में देखेंगे, लेकिन सच्चाई यही है कि संसद का विशेष सत्र आहूत होने से वो पसोपेश में होंगे। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा होगा कि आखिर पांच दिन का विशेष सत्र बुलाने के पीछे की मंशा क्या है। यही हाल राजनीतिक पंडितों का है। इसलिए अटकलों का बाजार गर्म है। जितने विश्लेषक, उतने दावे। तो एक दावा यह भी किया जा रहा है कि सरकार इस विशेष सत्र में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का बिल संसद में पेश कर सकती है। तो ‘डाल-डाल और पात-पात’ वाला मुहावरा इसमें कैसे फिट होता है, आइए जानते हैं…
मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर कोई कमेटी बनाई हैं. कमेटी में कौन- कौन सदस्य होगा इसका नोटीफ़िकेशन थोड़ी देर में जारी होगा. यह कदम सरकार द्वारा 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के एक दिन बाद आया है, जिसका एजेंडा गुप्त रखा गया है. बीते कुछ वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की वकालत मजबूती से करते आए हैं
अब इस पर विचार करने के लिए रामनाथ कोविंद को जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय, चुनावी दृष्टिकोण के मेजबान के रूप में सरकार की गंभीरता को प्रदर्शित करता है. नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव होंगे. वहीं वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) के अनिल देसाई ने कहा,’मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है. इस तरह की बातें फैलाना ठीक नहीं है. 5 राज्यों में चुनाव होने वाले हैं सरकार को ये देखना चाहिए कि देश के लोग क्या चाहते हैं, उनके मत को भी ध्यान में रखना चाहिए.’

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