लीथियम भंडार के मामले में अब भारत आ सकता है दूसरे स्थान पर

लीथियम भंडार के मामले में अब भारत आ सकता है दूसरे स्थान पर

भारत सहित पूरी दुनिया में आज लिथियम धातु चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि यह धातु अपने गुणों के अलावा अपने मूल्य के कारण भी चर्चा में रही है क्लिथियम धातु एक नरम और चांदी के सामान सफेद चमकीली धातु होती है इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से रिचार्जेबल बैट्रीओं में सबसे अधिक किया जाता है इस वजह से इसे सफेद सोना भी कहा जाता है किसी देश के लिए लीथियम धातु का मिलना एक खजाने के समान है क्योंकि जिस प्रकार से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन बढ़ रहा है उस अनुपात में लिथियम धातु की कमी है जिसके कारण इसके मूल्य में दिन-रात वृद्धि हो रही है चाहे मोबाइल हो या सोलर पैनल इसके लिए हमेशा से ही कुछ महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता रही है जिसमें लिथियम एक महत्वपूर्ण धातु है

भारत में भारत में कर्नाटक के बाद जम्मू एंड कश्मीर में लिथियम धातु के भंडार मिले हैं जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम की मात्रा दुनिया में लिथियम के भंडारों की 5.5 प्रतिशत बताई जा रही है दुनिया भर में कुली लीथियम का भंडार 9.8 करोड़ टन आंका गया है
कुल लीथियम भंडारों का लगभग आधा चिली बोलीविया और अर्जेंटीना में पाया जाता है इस प्रकार भारत में कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर में लिथियम के नए भंडार मिलने के कारण भारत कुल लीथियम उत्पादन की क्षमता में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच सकता है

लिथियम का उपयोग बेट्रीयों के अलावा चिकित्सा के क्षेत्र में भी किया जाता है इसका उपयोग मुख्य रूप से उन्माद के उपचार में किया जाता है यानी मस्तिस्क अति सक्रियता या मूड में वृद्धि और अति उत्साह जेसे रोगों में भी लिथियम का उपयोग किया जाता है

अगर बात हम इस की रासायनिक संरचना के बारे में करें तो आवर्त सारणी का तीसरा तत्व जिसका प्रतीक LI  है और यह सबसे हल्की धातु है एक रासायनिक तत्व है साधारण प्रस्तिकी में यह प्राकृति की सबसे हल्की धातु है और सबसे कम घनत्व वाला ठोस पदार्थ है लिथियम एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ होता है पत्थर यह एक अलोहे धातु है ,

भारत में अभी लगभग 59 लाख टन लिथियम उत्पादन की क्षमता है।
1 टन लिथियम की कीमत 57.36 लाख रुपए है
भारत में अभी लगभग 6000000 टन लीथीयम मिला जिसकी अनुमानित कीमत 34 अरब रुपए हैं
कर्नाटक के मांड्या जिले में भी करीब 16 टन लिथियम मिलने की उम्मीद है
भारत अब दुनिया में प्रमुख लीथीयम उत्पादक देश बन जाएगा
भारत अभी तक अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया से लिथियम आयात करता है
आने वाले वक्त में भारत ऑस्ट्रेलिया अर्जेंटीना पुर्तगाल चीन और अमेरिका को भी लिथियम के भंडार के मामले में पीछे छोड़ देगा

LITHUM
देशों की लिथियम उत्पादन क्षमता

दुनिया भर में लिथियम की मांग बढ़ने के कारण
1. दुनिया ग्रीन एनर्जी पर स्विच कर रही है सागर 2000 से 2015 के बीच लिथियम की मांग में लगभग 30 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई
2. साल 2015 के मुकाबले वर्ष 2025 में मांग में लगभग 1000 परसेंट की बढ़ोतरी हो सकती है
3. इस प्रकार लिथियम की मांग में बढ़ोतरी होना लाजमी है क्योंकि भारत सहित पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण लिथियम बैटरी की मांग में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी होती जा रही है

भारत में प्रमुख लिथियम बैटरी निर्माता
भारत में लिथियम बैटरी निर्माताओं में प्रमुख रूप से एक्साइड टेक्नोलॉजी तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और अंबरा राजा बैटरीज लिमिटेड प्रमुख रूप से लिथियम बैटरी निर्माता है

लिथियम के भंडार मिलने से भारत को होने वाले फायदे
हम सब जानते ही हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों में सोलर पैनल के लिए बेटियों की अत्यंत आवश्यकता होती है और बैटरी बनाने के लिए लिथियम एक बुनियादी जरूरत है भारत अभी इसके लिए दूसरे देशों पर निर्भर है भारत अभी अपनी जरूरत का लिथियम दूसरे देशों से आयात करता है अभी मिले लिथियम के भंडार हमें इस मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी आएगी बैटरी मोबाइल फोन लैपटॉप जैसी रोजमर्रा की जरूरतों के इलेक्ट्रिक सामान की कीमतों में भी कमी आएगी इसके अलावा लिथियम का उपयोग इलाज में भी होता है

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