ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर। 24 जून 2023 :बीकानेर के खाजूवाला में कोचिंग छात्रा से गैंगरेप और मौत के मामले में पूरा राजस्थान सदमे में है। घटना का सबसे शर्मनाक पहलू है, मामले में दो पुलिस कॉन्स्टेबल की भूमिका। 20 जून को गैंगरेप के बाद छात्रा की मौत हो गई, लेकिन उसका शव अब भी इंसाफ का इंतजार कर रहा है।
आरोप है कि खाजूवाला थाने के दो कॉन्स्टेबल भागीरथ और मनोज ने दिनेश विश्नोई नाम के एक युवक के साथ मिलकर छात्रा के साथ गैंगरेप किया। दिनेश पेशे से ड्राइवर है। पीड़िता के पिता ने नामजद FIR करवाई है। इधर, घटना के बाद हुए हंगामे से दबाव में आई पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल को बर्खास्त और 1 को निलंबित कर दिया है।
मामले से जुड़ा हर सच जानने के लिए छात्रा के परिजनों, पुलिस अधिकारियों और अस्पताल में छात्रा को अटैंड करने वाले डॉक्टर और नर्स से बात की, जिसमें कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आईं…।
- जहां गैंगरेप हुआ, वहां से अस्पताल महज 2 मिनट दूरी पर था, लेकिन अस्पताल पहुंचाया गया आधे घंटे बाद।
- छात्रा का इतना खून बह गया था कि वह खड़ी तक नहीं हो पा रही थी।
- डॉक्टरों का कहना है कि कपड़े खून में लथपथ थे, देखते ही पता चल गया था मामला संदिग्ध है।
- मामले में सबसे बड़ा सवाल अब भी अनसुलझा है- आखिर तीनों आरोपी युवती को किराये के कमरे तक लेकर कैसे गए?
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सबसे पहले भाई की जुबानी जानिए 20 जून मंगलवार के दिन हुआ क्या था…
‘सुबह सब कुछ ठीक था। मेरी बहन अपनी भाभी के साथ आरएससीआईटी (RAJASTHAN STATE CERTIFICATE OF INFORMATION TECHNOLOGY) की कोचिंग कर रही थी। इसके लिए वह रोज करीब 6-7 किलोमीटर दूर खाजुवाला जाती थी। मंगलवार को भाभी नहीं गई थी, वह अकेली थी।’
‘वह सुबह 10.40 के आस-पास निकली थी, यहां से बस पकड़ कर कोचिंग जाती थी। उसे 11 बजे कोचिंग सेंटर पहुंचना होता था। मेरे पिताजी 36केजेडी गांव में खेत पर काम कर रहे थे। वह खाजूवाला से करीब 40 किलोमीटर दूर है। उनके पास दोपहर को 1 बजे के आस-पास अस्पताल से फोन गया।’
‘फिर, पिताजी ने मुझे फोन किया उनकी आवाज में बहुत घबराहट थी। बोला नहीं जा रहा था। मुझसे बोले, अस्पताल से फोन आया है, तू जल्दी जा, कुछ हुआ है मेरी बेटी को। इस फोन के बाद मां को साथ लेकर मैं अस्पताल पहुंचा।’
‘अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे तो बहन को देखने ही नहीं दिया। मां को अंदर जाने दिया, मां ने उसे देखा, तो उसका रोना छूट गया। उसने चिल्ला चिल्लाकर बार-बार झकझोरा, लेकिन वह नहीं उठी। घबरा कर मैं भी अंदर जाने लगा, तो मुझे रोक दिया। मां को भी वे बाहर जाने को बोलने लगे, मां गिर पड़ी। समझ नहीं आ रहा था कि मैं मां को संभालू या परिजनों को फोन करूं। ऐसे हालात में मैंने सभी को फोन कर अस्पताल बुलाया।’
सबसे बड़ा सवाल युवती कमरे तक पहुंची कैसे?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कॉन्स्टेबल मनोज व भागीरथ और दिनेश तीनों दोस्त हैं। खुद के मकान होते हुए भी। इन्होंने नई मंडी में एक मकान किराए पर लिया हुआ था। मंगलवार को करीब 11 बजे तीनों युवती को इस किराए के मकान में ले आए। इसी मकान में गैंगरेप हुआ। हालांकि अब भी ये बड़ा सवाल है कि आखिर तीनों ने युवती को किस बहाने इस मकान में बुलाया या कैसे ले गए?
गैंगरेप के कारण युवती के ब्लीडिंग हुई तो काॅन्स्टेबल घबरा गए और उसे कार में ले जाकर वापस छोड़ने की तैयारी करने लगे। काफी अधिक ब्लीडिंग के कारण युवती खड़ी भी नहीं पा रही थी। ऐसे में कॉन्स्टेबल घबरा गए और उसे कार में बैठा लिया।
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तड़पती रही, 500 मीटर अस्पताल, लेकिन आधे घंटे बाद पहुंचे
किराए के कमरे वाली जगह से अस्पताल केवल 500 मीटर की दूरी पर है, लेकिन मामला खुलने के डर से आरोपी कार को घुमाते रहे। युवती कार में तड़पती रही और दम तोड़ दिया। आधे घंटे बाद आरोपियों की कार अस्पताल पहुंची।
अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिसमें दिख रहा है कि प्राइवेट कार में काॅन्स्टेबल और मनोज और उसका साथी दिनेश युवती को कार से उठाकर अस्पताल के भीतर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
युवती के मां-भाई और पिता को पता चला कि पुलिस कॉन्स्टेबल और उसका साथी युवती को अस्पताल छोड़कर गए हैं तो पिता ने नामजद FIR दर्ज करवा दी। युवती के परिजनों का आरोप है कि पहले भी ये तीनों युवती के साथ छेड़खानी करते थे। दो महीने पहले उन्होंने खाजूवाला पुलिस थाने जाकर बेटी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत भी की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
कमरा सील, बेड पर मिला खून
आरोपियों का किराये का कमरा पुलिस ने सील कर दिया है। जांच के लिए एफएसएल बुलाई गई। टीम ने वहां से सबूत जुटा लिए हैं। सूत्रों ने बताया कि बेड पर खून मिला है। यहां के लोगों का कहना है कि कमरे पर पुलिस वालों का आना जाना लगा रहता था। जानकारी के अनुसार ये कमरा भी दिनेश के दोस्त ने किराए पर लिया हुआ था।
डॉक्टर-नर्स बोले – खून से लथपथ देख समझ गए, मामला संदिग्ध है
अस्पताल में युवती को सबसे पहले देखने वालों में डॉक्टर पूनाराम रोझ और एक नर्स थीं। दोनों का कहना है कि युवती को देखते ही समझ गए थे कि मामला संदिग्ध है। ऐसे में उन्होंने तत्काल पुलिस को फोन किया।
डॉ. पूनाराम ने बताया कि कुछ लोग मंगलवार को 12.15 बजे लड़की को लेकर आए थे। पर्सनली हम नहीं जानते हैं कि इस लड़की को कौन लेकर लेकर आए थे? जब भी सीरियस पेशेंट आता है, तो कौन लाया ये जानने के बजाय हमारा ध्यान पेशेंट को बचाने पर होता है। इन्वेस्टिगेशन का काम पुलिस का है। पर हां, जब युवती हॉस्पिटल पहुंची तो वह दम तोड़ चुकी थी।
ड्राइवर दिनेश की पुलिस थाने में थी अच्छी जान-पहचान
ड्राइवर दिनेश विश्नोई की खाजूवाला थाने में अच्छी जान-पहचान थी। थाने पर पुलिस अधिकारी की विदाई पार्टी हो या नई जॉइनिंग हो, वह जरूर उपस्थित रहता था। इस कारण वह कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ का भी अच्छा दोस्त बन गया था। खाजूवाला थाने के पूर्व सीआई अरविंद सिंह शेखावत के तबादले पर थाने में दी गई विदाई पार्टी में मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई भी था। उसने सीआई को गुलाब का फूल भेंट किया और जमकर डांस किया था।
इस घटना के बाद से आरोपी दिनेश बिश्नोई के दोनों पुलिसकर्मियों के साथ कई फोटो सामने आए हैं। इसमें एक में वो पूर्व एसएचओ अरविन्द सिंह शेखावत के ट्रांसफर की विदाई पार्टी में नजर आ रहा है। दिनेश पुलिस अधिकारियों के साथ सेल्फी लेकर खाजूवाला में अपनी धौंस भी चलाता था। रौब दिखाने के लिए वह पुलिस की गाड़ी में बैठकर भी फोटो खिंचवाता था। दिनेश विश्नोई फिलहाल फरार है। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है।
शहर के हालात नाजुक, दबाव में पुलिस
घटना के बाद से पूरे खाजूवाला तनाव में है और मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण नाराज परिजन अंतिम संस्कार तक करने को राजी नहीं हो रहे। हालांकि परिजन जैसे-तैसे पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए, तो गुरुवार को पोस्टमार्टम हो सका।
हालात को देखते हुए पुलिस ने दवाब में आकर पहले तो खाजूवाला थाने के दो कॉन्स्टेबल भागीरथ व मनोज को निलंबित कर दिया गया। फिर दोनों से थाने में पूछताछ चली। पूछताछ में और प्राथमिक जांच में कॉन्स्टेबल मनोज का सीधा जुड़ाव पाया गया। उसे गुरुवार देर रात बर्खास्त कर दिया, लेकिन इस मामले में फिलहाल कोई गिफ्तारी नहीं हुई है।
दोनों कांस्टेबलों को अब भी थाने में बैठाया हुआ है और पुलिस अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाने के लिए लगातार पूछताछ में लगी हुई है। दिनेश विश्नोई की तलाश जारी है। उसे पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश भी दी जा रही है। युवती का पोस्टमार्टम हो गया है, लेकिन परिजन गिरफ्तारी की मांग को लेकर अंतिम संस्कार नहीं कर रहे हैं।
SOG से जांच करवाने की मांग और नौकरी
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस अपने साथियों और ड्राइवर दिनेश को बचाने का प्रयास कर रही है, इसी कारण गिरफ्तार करने से कतरा रही है। उनकी मांग है कि पूरे मामले की जांच एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) से करवाई जाए।
पुलिस ने आरोपी दिनेश बिश्नोई, मनोज व भागीरथ पर गैंगरेप और हत्या के साथ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है। मामले की छानबीन के बाद कुछ और धाराओं को जोड़ा जा सकता है। फिलहाल आईपीसी 376 डी और 302 के तहत मामला दर्ज है। परिजनों की मांग है कि एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। साथ ही, खाजूवाला के पूरे थाने को लाइन हाजिर करने की भी मांग उठ रही है।
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