वसुंधरा राजे कैंप के पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की घर वापसी, BJP में शामिल,भाटी की वापसी से टूटी कई उम्मीदवारों की उम्मीद!
राजस्थान में बीजेपी का कुनबा बढ़ा है। पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की घर वापसी हो गई है। देवी सिंह भाटी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को टिकट देने के विरोध में बीजेपी छोड़ दी थी।
ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर। 29 सितंबर 2023 :पांच साल बाद देवीसिंह भाटी की आज घर वापसी हो गई यानि वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जयपुर स्थित पार्टी के कार्यालय में प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, राजेन्द्र राठौड़ ने पार्टी का दुपट्टा पहनाकर भाटी को भाजपा में शामिल किया। इस दौरान देवीसिंह भाटी ने कहा कि पांच बाद आपने मुझे छाती पर लगाया इसलिए मैं बहुत गौरवान्वित हूं। जिन परिस्थितियों में कुछ बिन्दुओं पर मैं पार्टी से अलग हो गया था, लेकिन आज पार्टी के पदाधिकारियों के साथ चर्चा हुई, जिसमें गिला सिकवा दूर हो गया। बीकानेर के केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से भी वार्ता हो गयी, हम दोनों संतुष्ट है। आगे बोलते हुए भाटी ने कहा कि आज पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व नरेन्द्र मोदी के कारण गौरवान्वित हो रहा है। ऐसे नेतृ
लगातर 7 बार विधायक रह चुके हैं भाटी
देवी सिंह भाटी 1980 में कोलायत विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए थे। उसके बाद से वे 2008 तक लगातार इस सीट से विधायक चुनकर आए। 2013 में वे चुनाव हार गए। 2018 में बीजेपी ने उनकी पुत्रवधू पूनम कंवर को टिकट दिया लेकिन वो भी कांग्रेस के प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी से चुनाव हार गईं। इसी चुनाव में देवी सिंह भाटी ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनकी पुत्रवधू के खिलाफ कैंपन करके उसे चुनाव हराया है।
वसुंधरा राजे के माने जाते हैं समर्थक
राजस्थान की राजनीती में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। भाटी ने दो माह पहले ही वसुंधरा राजे के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि जब तक वसुंधरा राजे को लीडरशिप नहीं दी जाती तब तक उनके कार्यकर्ताओं को भाजपा में मान सम्मान नहीं मिलेगा। वे तीसरे मोर्चे की संभावना तलाशने के लिए जोधपुर पहुंचे थे। यहां सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में कहा था कि तब तक भाजपा में नहीं जाऊंगा। जब तक राजे को कमान नहीं दी जाती है।
भाटी की वापसी से टूटी कई उम्मीदवारों की उम्मीद!
भाटी के भाजपा में आते ही कई तरह के कयासों को हवा मिलती दिख रही है। जहां पहले भाटी के भाजपा में नहीं होने पर श्रीकोलायत में ही कई दावेदार तैयार हो गए थे। जो कि पार्टी की रीति-नीति के तहत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे ओर श्रीकोलायत से भाजपा की दावेदारी कर रहे है। ऐसे में भाटी के भाजपा में शामिल होते ही कई नेताओं की उम्मीद टूट गई है। बता दें कि भाटी के भाजपा छोडऩे के बाद से इस बार कोलायत भाजपा से कई उम्मीदवार टिकटों की लाइन में थे और दो सालों से चुनाव को लेकर तैयारियां कर रहे थे। इनमें कुछ भाटी गुट के ही है तो कई अन्य नेता शामिल है, लेकिन अब उनकी उम्मदी टूटती हुई नजर आ रही है।क्योंकि भाटी की वापसी से दावेदारों की उम्मीद टूटी है,वही भाजपा को इससे मजबूती मिली है। भाटी की वापसी से अब जो नेता अलग थलग नजर आ रहे थे वे अब वापस भाटी के साथ पूरे जोश से नजर आएंगे। भाटी बीकानेर ही नही पश्चिमी राजस्थान के कद्दावर नेता है और वे भाजपा स्थितियां संभाल सकते है बदलाव भी कर सकते है। वही दूसरी ओर भाटी की घर वापसी से कहीं ना कहीं वसुंधरा राजे की राजनीति भी मजबूत होगी। जानकारों की माने तो अब वसुंधरा राजे को भी मजबूती मिली। जिसका इशारा कल अरुण सिंह ने कर दिया था। वही दूसरी ओर पार्टी ज्वाइन करते ही भाटी ने केंद्रीय मंत्री से गिले शिकवे दूर होने की बात कही है।अब भाटी की वापसी हो गई है और इस बात से नकारा नहीं जा सकता की भाटी के घर वापसी से श्रीकोलायत सहित पूरे जिलेभर में भाजपा को मजबूती मिली है लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी की भाटी की घर वापसी से किसको फायदा या किसको नुकसान होगा।