राजस्थान के इतिहास में पहली बार बजट सत्र की कार्यवाही स्थगित
आज सदन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसे ही बजट पढ़ना प्रारंभ किया विपक्ष ने इस पर भारी हंगामा खड़ा कर दिया इस पर विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बजट को पहले ही लीक कर दिया है तथा इसी बीच भारी हंगामे को देखते हुए विपक्षी सदस्य बेल में आ गए विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने पिछले साल की बजट की लाइनें पड़ी है राजस्थान के इतिहास में पहली बार बजट सत्र की कार्यवाही स्थगित तथा इसी बीच भारी हंगामे के कारण सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया पहली बार हुआ है कि बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया है इस बार बजट में राजस्थान के सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए लोकलुभावन घोषणाएं होना तय ही है क्योंकि यह बजट इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयार किया गया है सरकार ने इस बार बजट की थीम बचत राहत और बडत रखी है ।
बजट भाषण शुरू होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार द्वारा हर वर्ग धर्म जाति के लोगों के लिए काम किया है ऐसा कहा कोरोना काल में कोई भूखा नहीं सोया प्रदेश की जनता को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के लिए 800 करोड रुपए खर्च होंगे वही मनरेगा के तहत गांव में 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर 125 दिन का किया जा रहा है
इस भाषण पर विपक्ष का आरोप है कि यह पिछले बजट की हूबहू नकल है इस प्रकार राज्य बजट की शुरुआत के साथ ही इतिहास में पहली बार ऐसी घटना हुई जिससे बजट की किरकिरी हो गई इस पर भाजपा सहित पूरे विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया विपक्ष का हंगामा देख पीठासीन अध्यक्ष सीपी जोशी ने शांति रखने का भी प्रयास किया लेकिन राजेंद्र राठौड़ के साथ विपक्ष ने बजट का अपमान करने की बात कहते हुए सदनमे नारेबाजी की ऐसे में अध्यक्ष महोदय द्वारा सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया राजस्थान राज्य विधानसभा में आज तक के बजट सत्र में पहली बार बजट सत्र को स्थगित करना पड़ा सभी प्रमुख न्यूज़ चैनलों पर आज इस पर एक नई बहस छिड़ी हुई है