महंगाई राहत कैंपों की खुल रही है पोल, सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं लोग यह 8 सवाल, आप भी दे अपनी राय !

महंगाई राहत कैंपों की खुल रही है पोल सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं लोग यह 8 सवाल आप भी दे अपनी राय !
महंगाई राहत कैंपों की खुल रही है पोल सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं लोग यह 8 सवाल आप भी दे अपनी राय !

ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर :

इन 8 सवालों से घिरी सरकार
महंगाई राहत कैंपों की पोल खुल रही है सोशल मीडिया पर

गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंपों में आम नागरिकों की भीड़ उमड़ रही है लोगों के लंबे समय से हटके काम हो रहे हैं साथ ही कुछ लोग इन कैंपों पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं जो सोशल मीडिया पर आजकल वायरल हो रहे हैं आप ही बताइए आप को यह सवाल सही लगते हैं या गलत

नोट- पोस्ट पूरी पढ़कर राजनीति से परे हटकर आम नागरिक के नाते अपने कमेंट करे!

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यह है वायरल हो रही पोस्ट

मंहगाई राहत कैंप के नाम पर केवल जनता को उलझाकर रखना है। ताकि जनता वास्तविक मुद्दों से भटकी रहे और सरकार वाह वाही लूटे। जबकि कर्मचारी व सरपंच तो कैंप का बहिष्कार कर रहे है तो क्यों जनता को गुमराह किया जा रहा है।
महंगाई राहत कैंप को लेकर एक नागरिक के नाते मेरे मन के सवाल!

1- जब किसानों को पहले बिल में सब्सिडी मिल रही है तो रजिस्ट्रेशन का झमेला क्यों?
2- जब घरेलू उपभोक्ताओं को पहले से 100 युनिट फ्री दे रहे तो रजिस्ट्रेशन की कहां आवश्यकता,
3- जब मनरेगा का जाॅब कार्ड बना है, ऑनलाइन भी है, रोजगार देने के नाम पर गुमराह क्यों?
4- जब चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा में ई-मित्र से कभी रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण करवाया जा सकता है तो कैंप में नया क्या होगा?
5- जब खाद्य सुरक्षा में पहले परिवार जुङे है और उनका डाटा पहले से जन आधार में अपडेट है तो फिर नया क्या? जबकि जिन परिवारों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिल रहा है उनके योजना में जुङने के बाद जन्मे बच्चे या बेटे की बहू का नाम राशन कार्ड में जोङना का ऑप्सन नहीं? ऐसा क्यों?
6- जब जन आधार में सामाजिक पेंशन का डाटा अपडेट है और हर वर्ष जीवित प्रमाण पत्र के नाम सत्यापन करवाया जाता है तो कैंप में नया क्या? उसी की अनुरूप पेंशन 750 से 1000 की जा सकती है?
7- जब उज्जवला गैस कनेक्शन लेते समय आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि कागजात देकर कनेक्शन लिया गया है और बैंक खाता भी आधार के बिना नहीं खोलते तो सब्सिडी के लिए डाटा वहां से क्यों नहीं लिया जा रहा।
8- रही बात दुधारू पशु के बीमे की तो कैंप में कैसे साबित होगा कि फलां आदमी के कितने दुधारू पशु है! मनुष्य के लिए तो योजना का कागजात के आधार पर वेरिफाई हो जाता है पर पशु का पशुपालक के घर जाकर ही वेरिफाई होगा तो कैंप में क्या फायदा, पशु चिकित्सा विभाग की टीम के सदस्यों द्वारा इसका घर जाकर सत्यापन व पशु के टैग लगाने पर ही संभव होगा।

 

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