ivillagenetwor न्यूज़ बीकानेर : भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पृथ्वीपालसिंह ने पशुधन सहायक का बकाया वेतन और एरियर बनाने के लिए 8000 रुपए की रिश्वत लेने वाले संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग के वरिष्ठ लिपिक को चार साल का कारावास और 10,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के बापेऊ निवासी अजीत ज्याणी 29 सितंबर, 17 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की स्पेशल यूनिट को शिकायत की थी कि वह राजेड़ू पशु चिकित्सालय में पशुधन सहायक के पद पर कार्यरत है। उसका फरवरी, 17 से मई, 17 तक का वेतन और 18 माह का एरियर बकाया। इसे लेने के लिए संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग में अर्जी दी थी। इसके बावजूद उसका वेतन और एरियर नहीं बन रहा था। जब वह वरिष्ठ लिपिक तेजप्रकाश वाल्मिकी से मिला तो उसने 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। परिवादी ने 2000 रुपए दे दिए और 8000 रुपए बाद में देना तय हुआ। ब्यूरो ने शिकायत का सत्यापन करवाया। एक अक्टूबर, 17 को आरोपी ने अपने ऑफिस में परिवादी से 8000 रुपए की रिश्वत ली। ब्यूरो की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया था। मामले की जांच के बाद 17 अप्रैल, 18 को कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पशुपालन विभाग के यूडीसी को दोषी माना और उसे चार साल के कारावास व 10 हजार रुपए के अ र्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 17 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी सहायक निदेशक अभियोजन शरद ओझा ने की।
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